महाकुम्भ का समापन, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
प्रयागराज। सनातनी परम्परा के सबसे बड़े आयोजन महाकुम्भ का महाशिवरात्रि के अमृत स्नान के साथ समापन हो गया। अंतिम दिन डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इसी के साथ डेढ़ माह तक चले महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने वालों की संख्या 66 करोड़ को पार कर गई। महाकुम्भ के अंतिम दिन हेलीकॊप्टर ने कई बार श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की तो एयरफोर्स के विमानों ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र के आसमान में करतब दिखाकर श्रद्धालुओं के उत्साह को दोगुना कर दिया।
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-महाकुम्भ का विराट स्वरूप पूरी दुनिया ने देखा, हर रोज औसतन सवा करोड़ डुबकी लगाने पहुंचे
-अंतिम दिन वायुसेना के विमानों ने दी श्रद्धालुओं को सलामी, हेलीकॊप्टर से कई बार हुई पुष्प वर्षा
बड़ी-बड़ी हस्तियां भी नहीं रोक पाईं खुद को
महाकुम्भ में इस बार सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए बड़ी बड़ी हस्तियां पहुंचीं। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और अन्य दिग्गज राजनेता महाकुम्भ में स्नान के लिए पहुंचे। मुकेश अंबानी सपरिवार पहुंचे तो बड़े-बड़े फिल्मी सितारे भी खुद को आने से नहीं रोक पाए। ऐसा पहली बार हुआ जब बड़ी-बड़ी हस्तियां महाकुम्भ में पहुंचीं। इससे पहले के कुम्भ मेलों में आम लोग ही आते थे।
महाकुम्भ में एक साथ 15 हजार सफाईकर्मियों के स्वच्छता अभियान चलाने का विश्व रिकार्ड भी बना। इसके अलावा भी कई अन्य रिकार्ड बने।
हर कोई तारीफ करते हुए लौटा
डेढ़ माह चले महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ जैसी एक दुखद घटना भी हुई, लेकिन आम तौर पर महाकुम्भ पहुंचे श्रद्धालु योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तारीफ करते हुए लौटे। महाकुम्भ मेला स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने भी श्रद्धालुओं की हर तरह से मदद की। महाकुम्भ का वैभव देखकर हर कोई सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते दिखा।
अयोध्या-काशी में भी रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं में से बहुत बड़ी संख्या ऐसे श्रद्धालुओं की भी थी जो महाकुम्भ में डुबकी लगाने के बाद अयोध्या में रामलला और बनारस में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए पहुंचे। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक इन दोनों तीर्थस्थलों पर हर रोज श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। यही नहीं, विंध्यवासिनी देवी मंदिर और चित्रकूट भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
भावुक हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती
परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती महाकुम्भ के शुभारंभ से समापन तक संगम तट पर जमे रहे। स्वामी चिदानंद सरस्वती के शिविर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। महाशिवरात्रि को महाकुम्भ के समापन पर स्वामी चिदानंद सरस्वती भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि यहां से जाने का मन नहीं कर रहा है। अभी वे यहां एक-दो दिन और रुकेंगे। स्वामी जी ने कहा कि महाकुम्भ को बदनाम करने की बहुत सारी कोशिशें हुईं, लेकिन हिंदुओं ने हर साजिश को विफल कर दिया।
मायूस हुए अस्थायी दुकानदार
महाकुम्भ में प्रयागराज ही नहीं, बहुत दूर-दूर से आए गरीब लोगों ने यह सोचकर अस्थायी दुकानें लगाई थीं कि उन्हें कुछ कमाई होगी। डेढ़ महीने के दौरान फेरी वाले इन दुकानदारों ने बहुत अच्छी कमाई की। आज महाकुम्भ का समापन होने पर इन सभी के चेहरे पर मायूसी थी तो इस बात का संतोष भी था कि महाकुम्भ में आकर उन्होंने अच्छी कमाई कर ली।