जीवन चंद पंत के गीतों की वीडियो श्रृंखला 'मधुमालिका गीतामृत' का लोकार्पण

आगरा। प्रकृति के चितेरे सुमित्रा नंदन पंत की परंपरा के सिद्धहस्त कवि जीवन चंद पंत के सात सुमधुर गीतों की वीडियो श्रृंखला "मधु मलिका गीतामृत" का लोकार्पण आगरा के ग्रैंड होटल के सभागार में हुआ। 

Mar 19, 2025 - 18:40
Mar 19, 2025 - 18:43
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जीवन चंद पंत के गीतों की वीडियो श्रृंखला 'मधुमालिका गीतामृत' का लोकार्पण
होटल ग्रैंड में कवि जीवन चंद पंत के गीतों की वीडियो श्रृंखला मधुमालिका गीतामृत के बुधवार को हुए लोकार्पण समारोह के मौके पर मौजूद अतिथि।  

-चेतना इंडिया और साहित्य संगीत संगम के संयुक्त तत्वावधान में आगरा में हुआ समारोह

आयोजन की अध्यक्षता आकाशवाणी दिल्ली की पूर्व वरिष्ठ समाचार वाचक श्रीमती चंद्रिका जोशी ने की। वीडियो श्रृंखला की गुणवत्ता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि पंत जी के गीतों की आत्मा को इस श्रृंखला के संगीतकार ने समझा है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

आगरा के वरिष्ठ साहित्यकार और आयोजन के मुख्य अतिथि अरुण डंग ने कहा जीवन चंद पंत के गीत पर्वतों पर फैली प्रकृति की सुषमा का आभास कराते हैं। इन वीडियोज् को बनाते समय प्रकृति के उन्हीं रंगों को बहुत ही कुशलता से सहेजा गया है। इसके लिए वीडियोग्राफर को धन्यवाद देना ही चाहिए।

कार्यक्रम का शुभारंभ पूजा तोमर की सरस्वती वंदना से हुआ। अतिथियों का स्वागत करते हुए चेतना के महासचिव दुर्ग विजय सिंह दीप ने कहा कि चेतना संस्था द्वारा साहित्य संगीत संगम के सहयोग से निरंतर नए प्रयोग किया जा रहे हैं। यह श्रृंखला भी इस प्रयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है। हम आगे भी इसी तरह के अभियान में शामिल रहेंगे।

विशिष्ट वक्ता डॉक्टर शशि गोयल ने कहा कि साहित्यिक दृष्टि से जीवन चंद पंत की कविताएं मानस पटल पर जो चित्र बनाती हैं, उन्हें हम इन वीडियोज्  के माध्यम से पूरी तरह महसूस कर सकते हैं। किसी भी रचनाकार को दृश्य और श्रव्य माध्यम से इस प्रकार जीवंत कर देने के लिए निर्देशक सुशील सरित की पूरी टीम बधाई की पात्र है।

विशिष्ट वक्ता के आर गर्ल्स डिग्री कॉलेज मथुरा की संगीत विभागाध्यक्ष डॊ. मोनिका दीक्षित ने कहा कि इन वीडियोज् में संगीत की दृष्टि से भी सारे गीतों को किन-किन रागों में संगीतबद्ध किया जाना चाहिए, इस बात का विशेष ख्याल रखा गया है। यदि गीत की भावना के अनुरूप रागों का चयन किया जाए तो गीतों की प्रभाव क्षमता कितनी बढ़ जाती है, इसे आप इन वीडियोज् को देखकर स्वयं महसूस कर सकते हैं।

वरिष्ठ कवि व साहित्यकार श्री अशोक बंसल ने कहा कि मधुमालिका में संकलित सभी रचनाएं लयबद्ध और गूढ़ संदेश से युक्त हैं। इनसे सात्विक आनंद की रसानुभूति होती है।

इस अवसर पर दिल्ली से पधारे विख्यात व्यंग्यकार सुनील जैन राही, भारतीय विशेष विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मलय पंत, नागरिक उड्डयन मंत्रालय अधिकारी के गगन पंत,  दिल्ली के समाचार वाचक एवं संपादक प्रदीप कुमार, विभा सिंह, मृगनयनी पांडे, नवीन सक्सेना, सिद्धार्थ सिंह आदि ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।

संस्था द्वारा इस अवसर पर सुभाष सक्सेना (संगीत निर्देशक), प्रोफेसर डॉ. आन्शवना सक्सेना और कुमारी पूजा तोमर (गायिका), कुमारी यशी भारद्वाज (कथक नृत्यांगना) एवं अंकुर बंसल (गति चित्रांकन) का सम्मान किया गया। संचालन सुशील सरित ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया पूजा सक्सेना ने।

डॉ. असीम आनंद. डॉ. रमेश आनंद, डॉक्टर कुसुम चतुर्वेदी, सुधाकर गुप्ता, विजय गुप्ता, जगमोहन गुप्ता, चंद्रशेखर शर्मा, हरीश भदौरिया, सुधीर शर्मा, प्रेम राजावत ,विनय बंसल, विजय गोयल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

 

SP_Singh AURGURU Editor