श्रीअग्र भागवत कथा सुनें, यश और संपन्नता का मार्ग खुलेगा

आगरा। माता महालक्ष्मी को प्रसन्न कर वरदान प्राप्त करने वाले भगवान अग्रसेन की कथा सुनने से संतोष व वैभव की प्राप्ति होती है। अग्र भागवत ही ऐसा जीवनात्मक ग्रंथ है जिससे सम्पन्नता, यश, प्रगति, उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। भगवान अग्रसेन की नियमित रूप से पूजा भी करनी चाहिए। सभी कष्टों को दूर करने वाले अग्रमहामंत्र का पाठ हर रोज करें।

Oct 4, 2024 - 20:24
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श्रीअग्र भागवत कथा सुनें,  यश और संपन्नता का मार्ग खुलेगा

महाराजा अग्रसेन सेवा सदन लोहामंडी में महाराजा अग्रसेन सेवा समिति व श्रीअग्रवाल संघ ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीअग्रकथा में कथा वाचक उज्ज्वल अग्रवाल ने यह बात कही। उन्होंने भगवान अग्रसेन के जन्म से लेकर राज्याभिषेक, अग्र माधवी विवाह व चुनरी उत्सव के बारे में भी बताया। कहा कि अग्रसेन जी की कथा अकथनीय है। अग्रसेन जी के चरित्र को समझना हो तो श्रीअग्र भागवत शब्द का विश्लेषण कर लीजिए, जो सात अक्षरों से बना है। सप्ताह में सात दिन, इंद्र धनुष के रंग सात, धरती की और हमारी त्वचा की परतें सात होती हैं। विवाह में फेरे सात, संगीत के सुर भी सात, सप्त चिंरंजीवी, सप्त ऋषि होते हैं।

इसलिए श्रीअग्र भागवत शब्द अपने आप में विशेष महत्व रखता है। श्री का अर्थ श्रम, अ से अर्थ, ग से ग्रहण, भ से भाग्य, ग गहन, व से व्रत और त से तपस्या। अर्थात श्रम पूर्वक अर्थ ग्रहण, भाग्यवत गहन व्रत, तपस्या करने वाले भगवान अग्रसेन का गुणगान करना ही अग्र भागवत है। 

कार्यक्रम में मौजूद कमिश्नर रितू माहेश्वरी, ज्वाइंट सीपी केशव चौधरी व आईपीएस अभिषेक अग्रवाल को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष मोहनलाल अग्रवाल, वीडी अग्रवाल, घनश्याम दास अग्रवाल, श्रीअग्रवाल संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष मुकुल गर्ग, अनुराग मित्तल, नितिन जैन, आशीष गर्ग, अम्बरीष अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, पिंकी सिंघल, डिम्पल, दीपा गर्ग आदि उपस्थित थे।   

कथा से पूर्व निकली कलश यात्रा

आगरा। कथा प्रारम्भ होने से पूर्व जयपुर हाउस स्थित आर्य समाज मंदिर से महाराजा अग्रसेन भवन लोहामंडी तक बैंडबाजों के साथ भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं ने सज धज कर सिर पर कलश लेकर खूब नृत्य भी किया। कथा स्थल पर कलश स्थापना व भगवान अग्रसेन की आरती के उपरान्त कथा प्रारम्भ हुई। कथास्थल पर कोलकाता की सजीव झांकियां भी सजाई गईं, जिन्हें श्रद्धालुओं द्वारा खूब सराहा गया। कुछ लोगों ने झांकियों संग सेल्फी भी ली।

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SP_Singh AURGURU Editor