विधान परिषद की कमेटी ने सदन बुलाया, शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकने को सख्त निर्देश
आगरा। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की शिक्षा का व्यवसायीकरण सम्बन्धी जांच समिति ने शुक्रवार को आगरा में सर्किट हाउस सभागार में आगरा और फिरोजाबाद जिले के लिए सदन आयोजित किया।
समिति के सभापति डा. मानवेंन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुए इस सदन में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा गया कि वे ऐसी व्यवस्था बनाएं कि शिक्षण संस्थानों में शुल्क का विवरण, शुल्क रसीद प्रास्पेक्ट्स में अंकित हो ताकि अभिभावकों को सम्पूर्ण जानकारी मिल सके। निलंबित शिक्षकों के मामले दीपावली से पूर्व निस्तारित करने को भी कहा गया।
समिति के सभापति ने सदन में कहा कि यह समिति सदन का ही एक हिस्सा है। इसमें जो भी चर्चा-परिचर्चा होती है उसके बिन्दुओं को सदन में रखा जाता है। सदन में सीबीएसई, आईसीएससी तथा यूपी बोर्ड से मान्यता लेकर संचालित संस्थानों पर चर्चा की गई। सभापति ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से कहा कि सभी जांच कर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधकों को नोटिस जारी करें। अध्ययनरत छात्रों को अन्य संस्था में समायोजित कराएं।
स्कूली वाहनों के पंजीयन के समय दिए गये पते एवं उनके संचालन के पते की समानता की जांच के सम्बन्ध में भी निर्देश दिए गए। कहा गया कि डीएम पहल कर आरटीओ और गैर सरकारी शैक्षिणिक संस्थाओं के प्रबंधकों की बैठक कराकर एक माह में उचित कदम उठाएं। हर संस्थान में एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें सभी संबंधित अधिकारियों के नाम और नंबर अंकित हों ताकि अभिभावक जरूरत के वक्त शिकायत कर सकें। इसके साथ ही स्कूली वाहनों को परमिट दिए जाने के साथ साथ उनके रूट का भी निर्धारण किया जाए।
सभापति ने जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गैर सरकारी व्यक्तियों के काम करने को सख्ती से रोकने को भी कहा। सदन में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि आगरा जिले में 120 मदरसे संचालित हैं, जिसमें से 73 का यूड्स पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा चुका है, शेष 47 को पंजीकृत कराने के लिए पत्राचार किया जा रहा है।
फिरोजाबाद में 40 मदरसे संचालित हैं। निर्देश दिए गए कि जिलाधिकारी के निर्देशन में पुलिस तथा सम्बन्धित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि वह मान्यता प्राप्त करें और उनके यहां संचालित पाठ्यक्रम शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हो।
प्राथमिक तथा जूनियर हाईस्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था के लिए दोनों जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया। विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों के मानदेय के भुगतान के बारे में भी निर्देश दिए गए। सदन में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर भी चर्चा हुई और बताया गया कि आगरा में 14732 आवेदन पत्रों के सापेक्ष 4124 आवेदकों को प्रवेश दिलवाया गया।
फिरोजाबाद में लगभग 3900 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 278 आवेदन अस्वीकार किए गये तथा शेष सभी को प्रवेश दिलाया गया है। विद्यालयों के निलंबित शिक्षकों की बहाली और वेतन निर्गत करने के बारे में भी फैसला लेने को कहा गया। ऐसे मामले सीडीओ कैंप लगाकर निपटाएं।
सदन में इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक, छात्रावास के साथ साथ स्कूली वाहनों के परमिट व वाहनों में कार्यरत कार्मिकों आदि के विषय में भी गम्भीरता से परिचर्चा की गई।
सदन में कार्यवाही में समिति के सदस्य विजय बहादुर पाठक, अंगद कुमार सिंह, अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह, आकाश अग्रवाल, जिलाधिकारी, आगरा अरविन्द मल्लप्पा बंगारी, सीडीओ आगरा श्रीमती प्रतिभा सिंह, सीडीओ फिरोजाबाद शत्रोहन वैश्य सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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