लालू और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने माना राजद सुप्रीमो और परिजनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत
पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूरे लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, यह मामला लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़ा है। लैंड फॉर जॉब मामले में कोर्ट ने इस बात को माना लिया है कि अब उसके पास मुकदमा चलाने लायक पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में प्रथम दृष्टि पर्याप्त सबूत हैं। लैंड फॉर जॉब मामले में जारी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह बात भी स्वीकार कर ली है कि लालू यादव के परिवार की ओर से अपने पद का दुरुपयोग किया गया है। कोर्ट का कहना है कि पद का दुरुपयोग करते हुए बड़ी तादाद में जमीन का ट्रांसफर कराया गया। कोर्ट ने यह भी माना कि यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर किया गया है।
तेजस्वी यादव लगातार इस बात का खंडन करते रहे हैं कि लैंड फॉर जॉब मामले में उनका और उनके परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। वह लगातार मीडिया से यह कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। तारीख पड़ती है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन कोर्ट ने उनके दावे को खारिज कर दिया है। ये शायद पहली बार हो रहा है कि कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर यह कह दिया है कि लैंड फॉर जॉब मामले में तेजस्वी यादव के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने आगे बताया कि किरण यादव ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर की। इसके बदले किरण यादव के बेटे को नौकरी दी गई। इस पूरे मामले में किरण यादव के पति भी शामिल हैं।
कोर्ट ने कहा है कि एक इन्फो सिस्टम की ओर से राबड़ी देवी तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन ट्रांसफर की गई है। इसके सबूत कोर्ट के पास मौजूद हैं। सीबीआई इस मामले में जांच कर रही थी। सीबीआई ने पटना में करीब दो दर्जन परिवारों से उनके जमीन के कागजात और ट्रांसफर के दस्तावेज कलेक्ट किए। सीबीआई ने पटना में राबड़ी आवास पहुंचकर उनसे भी पूछताछ की। इसके आधार पर जमा किए दस्तावेज अब कोर्ट के पास मौजूद हैं।
दरअसल, कोर्ट ने यह भी मान लिया है कि लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्य मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इसके सबूत भी मौजूद हैं। इसलिए कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी को सात अक्टूबर को तलब किया है। कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेज प्रताप यादव को भी शामिल किया है। कोर्ट का कहना है कि तेज प्रताप यादव, लालू प्रसाद यादव के बेटे हैं। इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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