खंडेलवाल ने विधान सभा में आगरा के लिए क्या-क्या मांगा, जानिए
आगरा। आगरा उत्तर के भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने विधान सभा में जहां आगरा में यमुना पर बैराज और नये ट्रांसपोर्ट नगर की मांग की वहीं बल्केश्वर लेबर कॊलोनी का मुद्दा भी उठाया। इसके साथ ही आगरा जिले की सीमा में यमुना किनारे 20 किलोमीटर लम्बे क्षेत्र में खड़े विलायती बबूलों को नष्ट कर उनकी जगह भारतीय वृक्ष लगाकर ऐसी हरित पट्टिका पर जोर दिया जो नाइट सफारी के रूप में विकसित हो सके।
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-नगला बूढ़ी से कीठम तक यमुना किनारे की बेल्ट नाइट सफारी के रूप में विकसित हो
-नये ट्रांसपोर्ट नगर, बैराज के साथ ही बल्केश्वर की लेबर की कॊलोनी का मुद्दा भी उठाया
-बिलायती बबूलों को हटाकर उनकी जगह भारतीय वृक्षों को लगाने पर दिया खासा जोर
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर रखे गए धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का एक बड़ा सपना था कि आगरा को गंगाजल मिले, क्योंकि आगरा में पेयजल का अभाव रहता था। प्रदेश में योगी सरकार बनी तो उन्होंने आगरा को गंगाजल की उपलब्धता के लिए तेजी से काम कराया। अब आगरा को प्रचुर मात्रा में पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना पर बैराज बनाना बहुत आवश्यक है, ताकि आगरा को रेगिस्तान बनने से रोका जा सके।
यमुना के सभी पुराने घाट पुनर्जीवित हों
विधायक खंडेलवाल ने कहा कि आगरा पर्यटन का बड़ा केंद्र है। ताजमहल के अलावा भी बहुत सी जगहें जिन्हें रमणीक बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। कैलाश मंदिर से लेकर ताजमहल तक यमुना किनारे के सभी पुराने घाटों को पुनर्जीवित किया जाए। साथ ही यमुना किनारे की इस बेल्ट को हरित पट्टिका के रुप में विकसित किया जाए।
नगला बूढ़ी से कीठम तक नाइट सफारी बने
भाजपा विधायक ने कहा कि आगरा में बहुत बड़ी वन सम्पदा है। नगला बूढी से लेकर कीठम तक 15 से 20 किलोमीटर यमुना किनारे की पट्टी को नाइट सफारी के रूप में विकसित किया जा सकता है। इस बेल्ट में बिलायती बबूल के पेड़ हैं, जो किसी काम के नहीं हैं। अगर एक प्लान बनाकर इन बिलायती बबूलों को हटाकर इनकी जगह पीपल, बरगद, शीशम, गूलर, नीम जैसे भारतीय वृक्ष लगाए जाएं तो यमुना किनारे की यह बेल्ट बहुत रमणीक बन सकती है। इसे और अच्छे से विकसित कर नाइट सफारी के रूप में पर्यटको को आकर्षित किया जा सकता है। यही नहीं, यमुना के इसी हिस्से में बनारस की तरह नौकायन शुरू कराकर पर्यटकों के लिए नया आकर्षण पैदा किया जा सकता है।
विलायती बबूल हटाकर भारतीय वृक्ष लगाएं
श्री खंडेलवाल ने कहा कि आगरा में कई अन्य जगहों पर बिलायती बबूल के पेड़ खड़े हुए हैं। सरकार के जो उद्यान आगरा में हैं, उन उद्यानों से बिलायती बबूल को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरोकारी करें और वहां पर नीम, पीपल, गूलर, बरगद आदि फलदार वृक्ष लगाने के काम किए जाएं, जिससे वहां पर अच्छी हरियाली हो सके।
विधायक खंडेलवाल ने कहा कि प्राइवेट प्लाट पर लोग अब पेड़ लगाने से बचते हैं। कहते हैं कि पेड़ लगाएंगे तो उनका प्लाट बेकार हो जायेगा क्योंकि पेड़ होने पर वे इस प्लाट पर निर्माण नहीं कर पाएंगे। आम लोगों के 100-200 गज जमीन के प्लाट होते हैं। इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को नये नियम बनाने चाहिए।
नये ट्रांसपोर्ट नगर की जरूरत
आगरा में ट्रैफिक की समस्या को उठाते हुए विधायक खंडेलवाल ने कहा कि आगरा में नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाए। बल्केश्वर की लेबर कॊलोनी की समस्या को भी उन्होंने उठाया और कहा कि उस कॊलोनी में वर्ष 1955 में लेवर क्वाटर बने थे। इसमें विभिन्न प्रकार के कब्जे हैं। यहां के लोगों की समस्या का समाधान खोजा जाए और जो वहां पर निवास करते हैं, उन सभी पुराने निवासियों को मालिकाना हक दिए जाएं।
आगरा में और भी हैं आकर्षण
विधायक खण्डेलवाल ने कहा कि आगरा को केवल ताजमहल के नाम से जानते हैं, लेकिन अब तो ताजमहल से ज्यादा लोग महाकुंभ में पहुंचे हैं। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा में भी आगरा से ज्यादा लोग जाते हैं। अब आगरा में जो पर्यटक जाता है, वह यहां के खाटू श्याम मंदिर के दर्शन भी करता है। आगरा वह जगह है जहां से राधास्वामी मत का उदय हुआ। गुरु तेगबहादुर समेत अन्य सिख गुरुओं के तीर्थस्थल भी आगरा में हैं। इन सभी स्थानों पर भी पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटन का बहुत बड़ा केन्द्र आगरा भी है, इसलिए इसके समुचित विकास पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
अधिकाधिक विकास की जरूरत
उन्होंने कहा कि आगरा में उद्यानों को अच्छे से विकसित किया जा सकता है। ताजमहल के कारण आगरा की पूरी इंडस्ट्री समाप्त हो गई। इसके बाद आगरा के लोगों का यह स्वावलम्बन है कि उन्होंने आगरा को पुनः स्थापित किया है। इसलिए आगरा को पर्यटन उद्योग की दृष्टि से अधिकाधिक विकसित करना अति आवश्यक है।