किरन रिजिजू ने अंबेडकर का जिक्र कर कांग्रेस पर साधा निशाना
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने आज लोकसभा में भीमराव आंबेडकर का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा। रिजिजू ने कहा कि कानून मंत्री के पद पर जाने से पहले मेरे मन में सुबह यही आया कि पहले कानून मंत्री बाबा साहेब ने आखिर इस्तीफा क्यों दिया? उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ कॉन्स्टिट्यूशन कहा जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने ढूंढ करके उस पत्र को पढ़ा है। बाबा साहेब आंबेडकर ने नेहरू जी को लिखा था। लंबा पत्र है, उसके कुछ हिस्से का जिक्र करूंगा। कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए किरन रिजिजू ने कहा कि अगर सबसे पहला भारत रत्न किसी को देना चाहिए तो वह बाबा साहेब आंबेडकर को देना चाहिए था। रिजिजू ने यह भी पूछा कि आखिर 1956 से 1990 के बीच बाबा साहेब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया?
बाबा साहेब आंबेडकर के पत्र का जिक्र करते हुए किरन रिजिजू ने संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान कई बातें बताईं। रिजिजू ने लोकसभा में बताया कि बाबा साहेब आंबेडकर ने जो इस्तीफा दिया उसमें शुरू में ही मेंशन किया कि अक्सर जब मंत्री कैबिनेट से इस्तीफा देते हैं तो कारण बताना चाहिए। मैं बिना कारण बताए भी इस्तीफा दे सकता था लेकिन मुझे लगता है कि इस्तीफे में ही मुझे कारण बताना चाहिए। उन्होंने पत्र में अच्छे से जिक्र किया। पहले कैबिनेट में सभी पार्टियों के लोग थे। पहली लिस्ट में बाबा साहेब का नाम नहीं था। बाद में जोड़ा गया और कानून मंत्री बना दिया गया।
किरन रिजिजू ने आगे कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी कैबिनेट में थे। जब भीम राव आंबेडकर को लॉ मिनिस्ट्री दिया गया तो उन्होंने पंडित नेहरू से कहा कि आपने मुझे मंत्री बनाया तो बहुत अच्छा है। जब देशभर में आजादी मिल गई है, संविधान बन गया है तो देश को आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता क्या है। बाबा साहेब जितना पढ़ा लिखा कोई नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता इकोनॉमी है। मुझे लॉ के अलावा वित्त मंत्रालय दे दीजिए। न हो तो कैबिनेट कमिटी में ही जगह दे दीजिए, लेकिन किसी भी कैबिनेट कमिटी में उन्हें मेंबर नहीं रखा गया। बाबा साहेब को लगने लगा कि मुझे तो प्रॉसेस में भी इन्वॉल्व नहीं कर रहे। प्लानिंग पोर्टफोलियों का वादा किया था नेहरू जी ने, लेकिन वह भी नहीं दिया। इसलिए बाबा साहेब ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पत्र में क्या लिखा,उसे सबको पढ़ना चाहिए।
किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला जारी करते हुए कहा कि साल 1956 से 1990 तक आपने बाबा साहेब को भारत रत्न क्यों नहीं दिया? नेहरू और इंदिरा गांधी ने खुद को भारत रत्न दिया। आप कारण बताइए आपके शासन काल में बाबा साहेब आंबडेकर को भारत रत्न से क्यों नहीं नवाजा गया? सबसे पहले भारत रत्न अगर किसी को देना चाहिए तो बाबा साहेब को देना चाहिए था।
रिजिजू ने अपनी स्पीच में कहा कि जहां भीमराव आंबेडकर का जन्म हुआ था (एमपी के महू में) उस स्थान को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। वह स्थान पहले से था, लेकिन उसे और भव्य तरीके से विकसित किया जा रहा है। लंदन में भीमराव आंबेडकर ने जिस घर में रहकर कानून की पढ़ाई की थी,गृह राज्य मंत्री रहते भी और खेल मंत्री रहते भी मैं उस घर में गया था। जब कानून मंत्री बना तब भी गया।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आपको दिल से लगे न लगे (विपक्ष को) फिर भी बोल दीजिए, मुंबई में 400 फीट लंबी बाबा साहेब का स्टेच्यू बन गया होता,लेकिन उसकी ऊंचाई को बढ़ाने के लिए रिक्वेस्ट किया है। जब 2026 में 430 फीट की प्रतिमा अरब सागर के तट पर मुंबई में खड़ी होगी,तब ये 25 किलोमीटर दूर से दिखाई देगा। रिजिजू ने कहा कि आपने पहले जो गलती की उसे भूलकर उनकी जन्म भूमि को तीर्थ स्थल बनाने और बाबा साहेब के नाम पर स्कीम योजनाओं को सफल बनाने के लिए आप भी योगदान दीजिए।
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