कलश है रूप गणपति का, मां गौरा बन धारण करती हैं महिलाएंः सरस किशोरी
आगरा। पीत वस्त्र धारण कर महिलाएं यूं ही कलश को सिर पर रखकर नहीं चलतीं। श्रीमद् भागवत कथा सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में निकलने वाली कलश यात्रा का महत्व अत्याधिक गूढ़ है। इस पर विस्तार से ज्ञान चर्चा करते हुए कथा व्यास सरस किशोरी (वृंदावन धाम) ने श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का महात्म्य बताया।

− अनुपम ओमेरियन रेजिडेंट वेलफेयर सोसायटी ने किया सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन
− कथा से पूर्व कमला नगर मुगल रोड पर निकाली गयी भव्य कलश यात्रा, 101 महिलाओं ने उठाए कलश
मुगल रोड, कमला नगर स्थित अनुपम ओमेरियन अपार्टमेंट में अनुपम ओमेरियन रेजिडेंस वेलफेयर सोसायटी द्वारा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार को कथा से पूर्व श्रीजगन्नाथ मंदिर, रश्मि नगर से अनुपम ओमेरियन अपार्टमेंट तक कलश यात्रा निकाली गयी। संस्था के अध्यक्ष अमित अग्रवाल पारुल ने बताया कि 101 कलश महिलाओं ने सिर पर धारण किये।
उन्होंने बताया कि 13 मार्च को हवन एवं प्रसादी के साथ कथा का समापन होगा। हर वर्ष सोसायटी के लोग धार्मिक अनुष्ठान करवाते हैं। जिसके अंतर्गत श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कलश यात्रा के बाद कथा का महात्म्य कथा व्यास सरस किशोरी ने बताया। उन्होंने कहा कि कलश में जल के रूप में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। श्रीमद् भावगत कथा की 108 परिक्रमा का फल श्रीवृंदावन धाम की परिक्रमा के बराबर है। कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से जीवन के सभी संताप दूर होते हैं।
मुख्य यजमान अमित अग्रवाल पारुल, छवि अग्रवाल कलश यात्रा में सिर पर पवित्र ग्रंथ एवं लड्डू गोपाल लेकर चले और व्यास पूजन किया। इस अवसर पर दैनिक जजमान दीपक गुप्ता और ज्योति गुप्ता, रमेश भट्टर, बेला, नरेश अग्रवाल, सुरभि, गोविंद अग्रवाल, अंजना, मनीष अग्रवाल, पूजा, जीतू, शिखा, सुनील, रानी, राजू, विनीता, अमन, अकांक्षा, सिद्धार्थ, कनक, अनुज विकल, स्वाति, राहुल, शिल्पी, राहुल गुप्ता, पंकज, तरुणा, विशाल, कशिश मुरझानी, प्रमोद मोदी, पदमा, अनुराग, अंशु, अंजू, मनीष, दिलीप मुरझानी, हरीश मखीजा, मीना अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। कथा की व्यवस्थाएं सौरभ कृष्ण उपाध्याय, गौरव उपाध्याय, राजेश कुमार, संतोष आदि ने संभालीं।