कैलाश गहलोत ने थामा भाजपा का दामन
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत बीजेपी का दामन थाम लिया। गहलोत ने बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, अनिल बलूनी की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।
इससे पहले सुबह ही खबर आ गई थी थी कि कैलाश गहलोत दोपहर में बीजेपी में शामिल होंगे। गहलोत ने एक दिन पहले ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्रालय समेत कई अहम विभाग देख रहे थे। गहलोत का पिछले कुछ महीनों से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मतभेद चल रहा था।
गहलोत ने अपने इस्तीफे में पार्टी के सामने मौजूद 'गंभीर चुनौतियों' की ओर इशारा किया था। उन्होंने पार्टी के अहम नेता गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष भी किया था। उन्होंने इस्तीफे में 'शीशमहल' जैसे विवादों को भी उठाया था। गहलोत ने ‘शीशमहल’ विवाद का जिक्र भाजपा नेताओं के उस आरोप की पृष्ठभूमि में किया था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने ‘6 फ्लैगस्टाफ रोड’ स्थित अपने पूर्व आधिकारिक आवास पर महंगी चीजों और आधुनिक सुविधाओं पर करोड़ों खर्च किए हैं।
आप नेताओं ने कहा कि गहलोत ईडी और सीबीआई के मामलों का सामना कर रहे हैं और उनके पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह बीजेपी की 'घिनौनी राजनीतिक साजिश' है। वह ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है। वहीं, बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत करते हुए कहा कि साहसी कदम बताया था।
सचदेवा का कहना था कि गहलोत ने उन्हीं मुद्दों को उठाते हुए पद छोड़ा है, जिनके लिए बीजेपी केजरीवाल और ‘आप’ के खिलाफ लड़ाई कर रही थी। उनके इस्तीफे से साबित होता है कि ‘आप’ के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार नेता नहीं मानते हैं। आप के वरिष्ठ नेता गहलोत ने ऐसे में समय में इस्तीफा दिया है जब पार्टी अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है।
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