वक्फ बिल को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर बिफरे जगदम्बिका पाल, बोले उन्हें कुछ पता नहीं है
जपगालदंबिका पाल ने कहा कि जो लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने गए हैं, उन्होंने रिपोर्ट भी नहीं पढ़ी। धारा 370 और तीन तलाक के समय भी ऐसे ही अफवाहें फैलाई गई थीं। इस बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि इस बिल में जो लोग कब्जा धारक हैं, उन्हें मलिकाना हक देने के लिए कानून दे दिया। यह मुसलमानों के अधिकारों को बुलडोज करने की कोशिश है। आपने सुधारो की तो बात की नहीं, आपने तो बर्बादी की बात की।

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन को कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी दलों का समर्थन भी मिला है। वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की अध्यक्षता करने वाले जगदंबिका पाल ने कहा कि हमने इसको लेकर सभी मुस्लिम संगठनों से बात की। छह महीने में 118 बैठकें हुईं तो आखिर अब प्रदर्शन क्यों किया जा रहा है।
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि जो लोग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने गए हैं, उन्होंने रिपोर्ट पढ़ी भी नहीं है। विरोध करने वालों का कोई आधार नहीं है। देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वक्फ ही नहीं धारा 370 और तीन तलाक के समय भी ऐसे ही अफवाहें फैलाई गई थीं। उन्होंने कहा कि कानून संसद में बनता है, जंतर-मंतर पर नहीं।
संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। विपक्ष के विरोध के बाद सरकार ने इस पर जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाई थी। 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी। जेपीसी की रिपोर्ट का 16 सदस्यों ने समर्थन किया था, जबकि 11 सदस्यों ने इसका विरोध किया थ. कमेटी में शामिल विपक्ष के सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।
उधर प्रदर्शन में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "नरेंद्र मोदी की हुकूमत वक्फ बिल को लेकर कानून बनाने की कोशिश कर रही है। मकसद एक ही है कि अमन को खराब किया जाए। पीएम का मकसद एक ही है मंदिर और मस्जिद के नाम पर लड़ते रहें। पीएम ऐसे खत्म कर रहें है कि वक्फ बाय यूजर नहीं रहेगा। दिल्ली में 123 प्रॉपर्टी ऐसी हैं। डीएम सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। अगर ये कानून बनेगा तो संसद की मस्जिद के बाहर नोटिस लगाकर कह देंगे कि ये वक्फ प्रॉपर्टी नहीं है। इनका मकसद एक ही है कि मुसलमानों से मजहबी और सियासी पहचान छीन ली जाए, प्रॉपर्टी छीन ली जाए।"
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "हमारा देश भाईचारे पर चलेगा। जेपीसी की कमेटी में तानाशाही हुई। बार बार हम कहते थे कि कमेटी में संविधान के साथ संसद के नियमों के साथ नाइंसाफी हो रही है। इस कानून का उद्देश्य समाज में द्वेष फैलाना है। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, "अपने नेता अखिलेश यादव की ओर से यकीन दिलाने आया हूं कि सपा आखिरी सांस तक इस बिल के खिलाफ लड़ेगी.।जहां जहां ये बिल जाएगा, हम वहां वहां लड़ेंगे। हमें जितनी कुर्बानी देने पड़े, लेकिन हम इस बिल को पास नहीं होने देंगे। आपकी दुआओं से हम ऐसी स्थिति में है कि अगर जबरदस्ती बिल लाया गया तो संसद को चैन से नहीं चलने देंगे। सरकार को पता है कि रेल और रक्षा के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है। देश में मुसलमान भाई पर हमला कर रहें हैं। अखिलेश यादव की ओर से यकीन दिलाता हूं कि हर स्तर का संघर्ष करेंगे।"
ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी तालिब रहमानी ने कहा, "पीएम ने कहा था कि ईद के दिन उनके घर खाना नहीं बनता था। पीएम साहब हम आज भी आपके लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन भेजने के लिए तैयार हैं। हमारे किचन आज भी बंद नहीं हुए हैं लेकिन हमारे लिए आप की तरफ से मोहब्बत का दरवाजा बंद हो गया है। हिंदुस्तान को बांग्लादेश की हसीना अच्छी लगती है लेकिन हिंदुस्तान का हुसैन नहीं अच्छा लगताॉ।"