तालिबान के मंत्री खलील की हत्या में आईएसआई का होना संभव
काबुल। तालिबान के शरणार्थी मंत्री खलील हक्कानी की काबुल के गृह मंत्रालय के अंदर एक सुसाइड अटैक में मौत हो गई। यह आत्मघाती हमला तालिबान प्रशासन के गृह मंत्रालय में हुआ। 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह सबसे बड़ी हानि मानी जा रही है। हक्कानी के साथ छह अन्य लोगों की भी धमाके में मौत हुई है। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। लेकिन यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या इसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है?
तालिबान से जुड़े अल-मर्साद मीडिया आउटलेट ने आरोप लगाया है कि खलील हक्कानी को पाकिस्तान की स्टैब्लिशमेंट (सेना) ने आईएस आतंकियों के साथ मिलकर मारा है। यह दावा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े अकाउंट के पोस्ट पर आधारित है, जो हमले से कुछ समय पहले किया गया था। इसमें कहा गया था कि तैयार हो जाओ! एक और बैच जल्द ही आएगा। हत्या के बाद कथित तौर पर इस पोस्ट को हटा दिया गया, जिससे संदेह और बढ़ गया।
इसी साल एक रिपोर्ट में पाकिस्तान तालिबान के पूर्व प्रवक्ता ने दावा किया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसकेपी को मदद कर रही है। उसका कहना था कि पाकिस्तान की एजेंसियां उसे आत्मघाती हमलावर भर्ती करने में मदद कर रही हैं। गुरुवार के हमले को लेकर आईएस की न्यूज एजेंसी अमाक की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई। इसमें बताया गया कि उनका एक आतंकी मंत्री के ऑफिस के बाहर इंतजार कर रहा था। जैसे ही वह बाहर निकले उसने विस्फोट कर दिया।
मारे गए मंत्री खलील हक्कानी का भाई जलालुद्दी एक प्रसिद्ध गुरिल्ला नेता था, जिसने 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत सैनिकों से लड़ाई लड़ी थी और हक्कानी नेटवर्क की स्थापना की थी, जो तालिबान के 20 साल के विद्रोह के दौरान कई हमलों के पीछे था। मारे गए मंत्री का भतीजा और जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन हक्कानी तालिबान सरकार में वर्तमान में आंतरिक मंत्री हैं।
What's Your Reaction?