वैश्विक चिंतन, सुझावों और पर्यटन पर चर्चा संग अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय और हावर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका की तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का बुधवार को पर्यटन के साथ ही वैश्विक चिंतन और सुझावों के साथ समापन हो गया। इस संगोष्ठी में इन्टरनेशनल अकादमी ऑफ़ बिजनेस, अमेरिका और उत्तर प्रदेश पर्यटन की भी भागेदारी थी।
संगोष्ठी के समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध सामाजिक चिंतक व विचारक डॉ. मधुकर चतुर्वेदी ने भारतीय संस्कृति की व्यापकता पर विस्तृत रूप से चर्चा की। डॉक्टर चतुर्वेदी ने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान भारतीय संस्कृति में है। चाहे वह पर्यावरण समस्या संबंधी समस्या हो या व्यक्तियों के स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या हो अथवा बिखरते पारिवारिक जीवन की समस्याएं, सबका समाधान भारतीय संस्कृति में है।
उन्होंने कहा कि गुलामी की एक लंबी दास्तां के कारण भारतीय संस्कृति के तमाम पहलुओं पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है, परंतु विचारपूर्वक देखेंगे तो हर चुनौतियों का हल भारतीय संस्कृति में है।
संगोष्ठी के अंतरराष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने कहा कि यह संगोष्ठी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, हावर्ड विश्वविद्यालय, इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ़ बिजनेस स्टडी तथा उत्तर प्रदेश पर्यटन के संयुक्त प्रयासों से आयोजित की जा सकी। देश-विदेश के जिन विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए गए हैं, उनको संक्षिप्त रूप में रिपोर्ट बनाकर के भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को भेजा जाएगा।
प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि हावर्ड विश्वविद्यालय का इस विश्वविद्यालय से 2016-17 से लगातार अकादमिक आदान-प्रदान होता चला आ रहा है और आगे भी संयुक्त रूप से शोध की योजना बनाई जा रही है। इस आयोजन में अमित साहू, कुलदीप यादव, देवेन्द्र यादव, मानव कुमार, शिवेन्दु दीक्षित, सत्यवीर निमेष व कुलदीप दीक्षित एवं अलवीना लाल का विशेष सहयोग रहा।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश के तमाम विद्वानों ने विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत रूप से चिंतन, मनन और चर्चा की। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में सेंटर फार ग्लोबल बिजनेस स्टडीज,हावर्ड यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर प्रोफेसर नरेंद्र रूस्तगी व ऑकलैंड विश्वविद्यालय अमेरिका के प्रोफेसर आनंदी पी. साहू एवं डॊ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशू रानी ने विश्व के सामने ज्वलंत मुद्दों को रखा। उद्घाटन सत्र में ही महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने अवैध घुसपैठ और विकास पर विचार रखे थे।
इसी कड़ी में नाइजीरिया, यूरोप व अमेरिका सहित कई देशों के विद्वानों ने अपने-अपने देश की चिताओं को इस संगोष्ठी के माध्यम से वैश्विक पटल पर रखा। जबलपुर महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रमोद कुमार वर्मा व नव नालंदा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय कुमार कर्ण, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के प्रोफेसर प्रशांत कुमार गौतम, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संदीप कुलश्रेष्ठ, भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान ग्वालियर के नोडल ऑफिसर प्रोफेसर सौरभ दीक्षित तथा आईटीएम नोएडा के नोडल ऑफिसर प्रोफेसर पवन गुप्ता ने भी विचार रखे।
इनके अलावा सिक्किम विश्वविद्यालय गंगटोक के प्रोफेसर डॊ. अमित सिंह, आसाम के डाउन टाउन विश्वविद्यालय के डॊ. संतोष कुमार उपाध्याय, भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय सोनीपत हरियाणा के प्रोफेसर डॉ पंकज मिश्रा, देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर डॉक्टर अरुणेश पाराशर, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के प्रोफेसर सुनिल काबिया, डॉक्टर संजय निबोरिया, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के डॉक्टर अजय कुमार मिश्रा एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा के डॉक्टर पंकज पांडे, नैनीताल उत्तराखंड के रॉयल इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक डॉ अनुराग भोसले, डॉक्टर महेंद्र डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के डॉ. महेंद्र पाल सिंह, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के डॉक्टर ड1. देवेश रन्जन त्रिपाठी, सलीम चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के डॉक्टर नीरज शुक्ला सहित उत्तर पूर्वी प्रांत सहित कई प्रदेशों के शोधार्थियों व शिक्षकों ने भाग लिया और अपने शोध पत्रों का वाचन किया।
संगोष्ठी में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय को इंटरनेशनल अकेडमी आफ बिजनेस अकेडमी के विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।
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