भारत अगले पांच सालों में 52 जासूसी सैटेलाइट करेगा लान्च

भारत अगले पांच सालों में 52 जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करेगा। इन सैटेलाइट्स का मकसद पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखना होगा। इससे सेना की निगरानी क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी।

Oct 12, 2024 - 12:46
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भारत अगले पांच सालों में 52 जासूसी सैटेलाइट करेगा लान्च

चेन्नई। सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने सात अक्टूबर को स्पेस बेस्ड सर्विलांस प्रोग्राम के तीसरे फेज को मंजूरी दे दी है। ये सभी सैटेलाइट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड होंगे। 36 हजार किमी ऊंचाई पर ये आपस में कम्यूनिकेट कर सकेंगे। इससे पृथ्वी तक सिग्नल भेजने, मैसेज-तस्वीरें भेजने में आसानी होगी।

अंग्रेजी अखबार द टाइम्स आफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 52 सैटेलाइट्स की लॉन्चिंग में करीब 27,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सभी 52 सैटेलाइट को इसरो तैयार नहीं करेगा। 21 सैटेलाइट इसरो की तरफ से बनाए जाएंगे। 31 सैटेलाइट प्राइवेट कंपनियां तैयार करेंगी।

सभी सैटेलाइट एआई बेस्ड होंगे। इसरो के एक सीनियर अधिकारी ने पिछले दिसंबर में कहा था कि सैटेलाइट के बीच कम्यूनिकेशन हो सकेगा।

किसी सैटेलाइट को 36,000 किमी की ऊंचाई पर जियोसिंक्रोनस इक्वेटोरियल ऑर्बिट में कुछ पता लगाता है, तो वह निचली कक्षा में दूसरे सैटेलाइट को मैसेज भेज सकेगा कि संदिग्ध इलाके में और ज्यादा जांच करे।

भारत के स्पेस बेस्ड सर्विलांस मिशन की शुरुआत 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी ने की थी। इस प्रोग्राम के तहत 2001 में चार सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। जिसमें रिसैट प्रमुख था। इसके बाद इस मिशन में 2013 में छह सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

इसरो ने सबसे पहले 2013 में इंडियन नेवी के लिए जीसैट-7 सैटेलाइट लॉन्च की थी। इसे रुक्मिणी भी कहते हैं। पांच साल बाद 2018 में एयर फोर्स के लिए जीसैट-7 या एंग्री बर्ड सैटेलाइट लॉन्च की।  आर्मी के लिए 2023 में जीसैट-7 सैटेलाइट को मंजूरी दी गई। इसे 2026 तक अंतरिक्ष में स्थापित किया जा सकता है।

 

 

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