"अंतिम संस्कार पति के साथ हो और पति के हाथ में हाथ हो", आत्मघाती कदम का राज और अंतिम इच्छा दोनों अधूरे! क्यों ?
आगरा। "अंतिम संस्कार पति के साथ हो और पति के हाथ में हाथ हो"। यह बात कैप्टन रेनू तंवर ने अपने सुसाइड नोट में लिखी थी। मगर उनका अंतिम संस्कार उनकी इच्छा के अनुसार नहीं हुआ। आगरा एयर फोर्स स्टेशन परिसर में सेवाएं दे रहे फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप और उनकी पत्नी रेनू तंवर की मौत के साथ ही यह राज भी दफन हो गया कि उन्होंने आत्मघाती कदम क्यों उठाया और उनकी एक इच्छा अधूरी रह गई कि उनका अंतिम संस्कार साथ किया जाए।

दो साल पहले की ही तो बात है जब उन दोनों ने एक-दूसरे के जीवन का सहारा बनने का फैसला लिया था। साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं। वे साथ-साथ जीए तो महज दो साल। साथ-साथ मरने की कसम भी पूरी कर ली। आगरा एयर फोर्स स्टेशन परिसर में सेवाएं दे रहे फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप और उनकी पत्नी रेनू तंवर की कहानी कुछ ऐसी ही है। दोनों इस दुनिया से विदा हो गए हैं कुछ अनुत्तरित सवालों के साथ।
चंद घंटे के भीतर इस युवा दंपति के मौत को गले लगाने से हर कोई स्तब्ध है। दोनों की मौत के साथ वह राज भी सदा-सदा के लिए दफन हो गया है कि इन दोनों ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया?
फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप बिहार के मूल निवासी थे जबकि कैप्टन रेनू तंवर राजस्थान की रहने वाली थी। दोनों ही वायु सेना में सेवारत थे। अच्छे पदों पर थे। बेहतर करियर के साथ एक सुनहरा भविष्य भी दोनों के सामने था। बताते हैं कि इन दोनों मैं पहले प्यार हुआ और फिर दोनों ने शादी के बंधन में बंधने का फैसला किया। दो साल पहले वर्ष 2022 में दोनों वैवाहिक बंधन में बंधे थे।
यह दंपति वर्तमान में आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर सेवाएं दे रहा था। विगत 14 अक्टूबर को कैप्टन रेनू तंवर जब अपनी मां का इलाज करने के लिए दिल्ली जा रही थीं तो शायद ही उन्होंने सोचा होगा कि उन पर मुसीबत का पहाड़ टूटने वाला है।
रेनू तंवर दिल्ली के एक ऑफीसर्स गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थीं, जहां परसों उन्हें दोपहर के समय यह सूचना दी गई कि उनके पति दीनदयाल दीप ने आत्महत्या कर ली है। सरकारी आवास में उनका शव पंखे से लटका पाया गया है।
यह सूचना मिलने के कुछ समय के बाद ही दिल्ली के ऑफीसर्स गेस्ट हाउस में वहां के स्टाफ को जानकारी मिली कि कैप्टन रेनू तंवर ने भी अपने रूम के पंख से लटककर जान दे दी है।
पहले लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप और चंद घंटे के बाद कप्तान रेनू तंवर की मौत की सूचना जब आगरा एयरपोर्ट स्टेशन पर पहुंची तो समूचे परिसर में मातम का माहौल छ गया। सहकर्मी एक दूसरे से बातचीत के दौरान यही चर्चा कर रहे थे कि दोनों को देखकर लगता नहीं था कि उनके जीवन में किसी प्रकार का कोई तनाव है। आखिर वह क्या वजह रही कि पहले पति और फिर बाद में पत्नी ने आत्महत्या कर ली।
रेनू तंवर के रूम से बरामद हुए एक सुसाइड नोट में परिवरीजनों के लिए बस एक यही संदेश लिखा था, "उसका अंतिम संस्कार पति के साथ हो और पति के हाथ में उसका हाथ हो।" हालांकि जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल दीप का अंतिम संस्कार उनके परिजनों द्वारा आगरा में ही मोक्षधाम पर कर दिया गया है जबकि बताया जा रहा है कि कैप्टन रेनू तंवर के शव को उनके परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजस्थान ले गए हैं।
रेनू तंवर के इस संदेश ने हर किसी की आंखों में आंसू ला दिए। माना जा रहा है कि पति की सुसाइड की सूचना मिलने पर रेनू इस कदर सदमे में आ गई कि उन्होंने उसी क्षण अपनी जीवनलीला समाप्त करने का फैसला ले लिया।
अभी यह कोई भी बता पाने की स्थिति में नहीं है कि क्या इस दंपति के बीच कोई ऐसा तनाव था जिसकी वजह से दोनों ने आत्मघाती कदम उठा लिया।