अनुच्छेद 370 को हर हाल में वापस लाएंगे भले ही जो भी समय लगे- उमर अब्दुल्ला
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव दस साल बाद हो रहा है। इसकी घोषणा कर दी गई है और पहले चरण के मतदान की अधिसूचना भी जारी हो गई है। इस चुनाव की पहली तारीख 18 सितंबर निश्चित की गई है। यहां भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, अपनी पार्टी कुछ प्रमुख दावेदार हैं, जो मैदान में हैं। नेकां ने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि यदि वह सरकार बनाते हैं तो राज्य में अनुच्छेद 370 को वापस लाएंगे।
गौरतलब है कि नेकां ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अनुच्छेद 370 को लेकर किसी तरह का वादा नहीं किया है लेकिन समझा जाता है कि नेकां उसके दम पर ही इसे वापस लाने का दावा कर रही है। नेकां के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए साफ किया कि वह हर हाल में अनुच्छेद 370 को वापस लाएंगे, भले ही उन्हें इसमें कई साल लग जाएं।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि अनुच्छेद 370 को संसद ने हटाया था और वही दल फिर से इसे वापस ला सकता है, जिसे लोकसभा में बहुमत हासिल होगा। ऐसे में यह सोचने वाली बात है कि क्या नेकां कभी लोकसभा में भी बहुमत हासिल कर पाएगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो उमर अब्दुल्ला किसके भरोसे पर ऐसे वादे कर रहे हैं।
उमर अब्दुल्ला का यह बयान हाल ही में अमित शाह द्वारा की गई उस टिप्पणी के जवाब में था, जिसमें उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अब कभी अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं होगी। उमर अब्दुल्ला ने उन्हें सीधी चुनौती देते हुए कहा कि नेकां की विचारधारा का हिस्सा है अनुच्छेद 370 और हर हाल में हम इसे वापस लाकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकते। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इसे दोबारा लागू करना इतना आसान नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि आप इसे अगले 5 साल में लागू कर देंगे। यह सत्य है कि इसमें समय लगेगा।
अबदुल्ला ने यह भी स्वीकारा कि हम मानते हैं कि यह हमारे लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है और हम इसे जिंदा रखेंगे। उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हम सिर्फ इस मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसे हमने अपने घोषणापत्र में एक या दो पैरा की जगह दी है, इसके अलावा हमारे मैनिफेस्टो में जम्मू-कश्मीर के विकास और रोजगार की बात की गई है। हमने अपने घोषणापत्र में रोजगार, पानी, मुफ्त शिक्षा, सामाजिक कल्याण की योजनाओं, महंगाई से छुटकारा समेत कई मुद्दों को जगह दी है।
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