पशुओं को बीमारियों से बचाने और पशुधन  बढ़ाने पर शोध करेंगे देश के सौ संस्थान

बरेली। पशुओं को बीमारियों से बचाने और पशुधन बढ़ाने पर देश के सौ संस्थानों के वैज्ञानिक शोध करेंगे।  इसके तहत वे पशुओं की उभरती बीमारी एवं पशुओं से मनुष्यों में होने वाले रोगों को रोकने के उपाय भी खोजेंगे। 

Nov 8, 2024 - 17:34
 0  17
पशुओं को बीमारियों से बचाने और पशुधन  बढ़ाने पर शोध करेंगे देश के सौ संस्थान
आईवीआरआई बरेली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते डाक्टर राघवेंद्र भट्ट।
  • आईवीआरआई बरेली समस्त परियोजना का समन्वय करेगा    

     

  • - पशु स्वास्थ्य से जुडी चार राष्ट्रीय परियोजनाएं आईवीआरआई में शुरू

साथ ही पशुधन बढ़ाने और जीन संरचना में सकारात्मक बदलाव से नई नस्ल विकसित करेंगे। इस शोध से संबंधित चार प्रोजेक्ट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक ने शुरू किए हैं। 

आईवीआरआई में आयोजित एक कार्यक्रम में ये परियोजनाएं शुरू भी कर दी गईं।  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली के पशु विज्ञान के उप महानिदेशक डॉक्टर राघवेंद्र भट्ट इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने ऑल इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम के तहत आईसीएआर की ओर से स्वीकृत चारों महत्वपूर्ण परियोजनाओं की  गुरुवार को शुरुआत की। 

इसके पश्चात वीवीएससी तथा बीटेक के नवागत छात्रों के लिए ओरियेंटेशन कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। डॉ. राघवेंद्र भट्ट ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह मन लगाकर पढ़ाई करें। उन्हें वैज्ञानिक बनने के लिए आईसीएआरआई विश्वस्तरीय सुविधाएं देगा। बेहतर फैकल्टी के साथ ही अत्याधुनिक लैब एवं पुस्तक एवं जनरल उपलब्ध  कराएगा।  

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं में श्वानों पर उन्नत अनुसंधान परियोजना,  अखिल भारतीय नेटवर्क कार्यक्रम के अर्न्तगत पशुओ की चुनौतीपूर्ण और उभरती बीमारियां (एआईएनपी-सीईडीए); अखिल भारतीय नेटवर्क कार्यक्रम के अन्तर्गत पशुजन्य रोगों के लिए एक स्वास्थ्य (एआईएनपी-ओएचडी) तथा जीनोम संपादन प्रौद्योगिकी द्वारा पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन हेतु नेटवर्क परियोजना सम्मिलित हैं।

उद्घाटन भाषण  में कहा कि  मुख्य अतिथि डा. राधवेन्द्र भटट ने संस्थान के निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन महत्वपूर्ण तथा ऐतिहासिक है क्योंकि आज राष्ट्र की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारम्भ किया गया है। इन परियोजनाओं में लगभग 80 करोड़ का बजट प्रस्तावित है तथा देश के 100 से ज्यादा संस्थान इन परियोजनाओं में अपनी भागीदारी करेंगे। 

उन्होंने कहा कि आज प्रमुख चार परियोजनायें जिनमें श्वानों पर उन्नत अनुसंधान परियोजना बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है। इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय नेटवर्क कार्यक्रम के अर्न्तगत पशुओं की चुनौतीपूर्ण और उभरती बीमारियां (एआईएनपी-सीईडीए); अखिल भारतीय नेटवर्क कार्यक्रम के अन्तर्गत पशुजन्य रोगों के लिए एक स्वास्थ्य (एआईएनपी-ओएचजेडडी) तथा जीनोम संपादन प्रौद्योगिकी द्वारा पशुधन स्वास्थ्य एवं उत्पादन हेतु नेटवर्क परियोजना से पशु रोगों के अनुसंधान, निदान तथा नैदानिक विकसित करने में मद्द मिलेगी।

सहायक महानिदेशक (पशु विज्ञान) डा. दिवाकर हेमाद्री, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने कहा कि यह परियोजनायें बहुत महत्वर्पूण हैं, क्योंकि इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से हमें पशु रोगों के संक्रामक/गैर संक्रामक रोगों के प्रबंधन के विशेष क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए एक अत्याधुनिक सुविधा विकसित की जाएगी।

साथ ही साथ उभरती बीमारियों की महामारी विज्ञान, मेजबान-रोगजनक संपर्क और रोगजनक जीव विज्ञान में अंतर्दृष्टि का अध्ययन करना, उभरते और चुनौतीपूर्ण रोगजनकों के निदान और टाइपिंग के लिए आणविक विधि विकसित करने में सहायता मिलेगी।

संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि पशु चिकित्सा विज्ञान का यह गौरवमयी संस्थान है जो अपनी प्राचीन विरासत को आगे बढ़ाते हुए 135 वर्ष पूर्ण कर चुका है। हमारे संस्थान के आधारभूत संरचनाओं तथा अनुभव को देखते हुये हमें इन परियोजनाओं के समन्वय करने की जिम्मेदारी मिली है। डा. दत्त ने कहा कि वर्तमान में संस्थान में 161 शोध परियोजनाओं कियान्वित हैं तथा इनमें से पांच  अंतराष्ट्रीय परियोजनाओं का मुख्य फोकस जलवायु परिवर्तन है। 

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

SP_Singh AURGURU Editor