विधान सभा में सपा विधायकों का भारी हंगामा, कार्यवाही बेमियाद के लिए स्थगित
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भारी हंगामे के चलते विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। यह पहला मौका है जब अनुपूरक बजट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य के बिना ही विपक्ष के जोरदार हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है।
-वेल में पहुंचकर सपा विधायकों ने लगाए नारे- बाबा साहब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान
-प्रयागराज महाकुंभ पर चर्चा होनी थी आज विधान सभा में, मुख्यमंत्री का वक्तव्य भी न हो सका
समाजवादी पार्टी के विधायक बाबा साहब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान आदि नारे लगाते हुए वेल तक पहुंच गए। यहां भी वे लगातार नारेबाजी करते रहे। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायकों से शांत होने की बार-बार अपील की, लेकिन वे नहीं माने। अंततः विधान सभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
विधान सभा की कार्यवाही स्थगित होने से प्रयागराज महाकुंभ पर आज होने वाली चर्चा भी नहीं हो सकी। आज की चर्चा में सरकार की ओर से बताया जाना था कि महाकुंभ में क्या-क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन सपा विधायकों के हंगामे की वजह से इस चर्चा का मौका ही नहीं आया। यह भी पहला मौका है जब विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही अनुपूरक बजट पर मुख्यमंत्री का वक्तव्य दिए बगैर स्थगित करनी पड़ी है।
बता दें कि बीते कल भी सपा के सदस्यों ने विधान सभा में हंगामा किया था। सपा विधायक अतुल प्रधान को विधान सभा ने सत्र की कार्यवाही से निलंबित करते हुए मार्शलों के जरिए विधान सभा से बाहर भी निकलवा दिया था। उत्तर प्रदेश विधान सभा का वर्ष 2024 का तृतीय सत्र 16 दिसंबर को प्रारंभ हुआ था। विपक्ष के हंगामे की वजह से इसे 19 दिसंबर को ही स्थगित करना पड़ा है।
दो दिन से विपक्ष में समाजवादी पार्टी सदस्यों द्वारा विधान सभा मण्डप में किये जा रहे व्यवधान के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही निर्धारित अवधि से दो दिन पहले अनिश्चित काल के लिये स्थगित करनी पड़ी।
सत्र के चौथे-दिन के एजेंडे के अनुसार गुरुवार को प्रयाग महाकुंभ-2025 सहित द्वितीय अनुपूरक बजट पर विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा चर्चा और उल्लेख करना था! गुरुवार को विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा की स्थिति कारण और प्रश्नकाल के बाधित हो जाने के बाद सत्ता-पक्ष ने महत्वपूर्ण विधेयक पेश कर सदन से अनुमोदन कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन की कार्रवाई के दौरान विपक्षी विधायकों को समझाने और सदन की कार्यवाही सुचारू संचालन का भरसक प्रयास किया।
What's Your Reaction?