बाह में निकली सनातन यात्रा में उमड़ी भारी भीड़
आगरा। बाह के बजरंग आश्रम में श्रीमद भागवत कथा सुना रहे आचार्य देवकी नंदन ठाकुर के आज कथा को विश्राम देने के बाद एक वृहद सनातन रैली निकाली गई। आचार्य के आह्वान पर निकाली गई इस रैली में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हम हिन्दू एक सब एक हैं..., बंगलादेशी भाई-बहनों हम तुम्हारे साथ हैं, जय श्रीराम और जय बगरंग बली के जयकारों संग बंगला देश में पीड़ित हिन्दू भाई बहनों के समर्थन में निकाली गई इस रैली ने कई मार्गों पर भ्रमण किया।
-आचार्य देवकी नंदन ठाकुर के आह्वान पर निकली यात्रा, सनातन बोर्ड के गठन के लिए मांगा समर्थन
हाथों में भगवा ध्वज लिए और हिन्दू एकता व बंगलादियों हिंदुओं के सहयोग के नारे लगाते गांवों के लोग बड़ी संख्या में सनातन यात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर आचार्य देवकी नन्दन ने कहा कि हमें बंगलादेशी हिन्दुओं तक ही नहीं, बल्कि अत्याचारियों तक भी यह संदेश पहुंचाना है कि हिन्दू एक हैं और हमेशा एक दूसरे के यहयोग के लिए साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के अहिंसावादी और शांति प्रिय होने के कारण हिन्दुओं को कमजोर समझने की भूल न की जाए। यात्रा में युवाओं के साथ महिलाएं और बुजुर्ग भी भारी संख्या में शामिल हुए। अनुमानित तौर पर लगभग 50 हजार लोगों शामिल थे सनातन यात्रा में।
इस अवसर पर मुख्य रूप से राजीव खेड़िया, ऋषि सैंथिया, अनिल सोमानी, गौरव, संदीप राजा, उज्ज्वल अरोरा, दिनेश सुरेखा, राहुल गर्ग, सोमित जैन, ईश्वर वर्मा, मनीष राठी, श्याम लाडिया, विकास, पवन ओझा, सूर्य गट्टानी, प्रतिमा आदि मौजूद थे।
कथा में सत्संग की महिमा बताई
बाह। इससे पहले श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य देवकी नंदन ठाकुर ने शिशुपाल वध कथा के साथ ही सत्संग की महिमा का वर्णन किया।
आचार्य ने कथा में भी कहा कि स्वतंत्र देश में जब वक्फ बोर्ड है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं हो सकता। भारत देश तभी बचेगा जब सनातन धर्म बचेगा। यह आखिरी पीढ़ी है जो देश और धर्म को बचाने का काम कर सकती है। अगली पीढ़ी में वह सामर्थ्य नहीं रहने दी जाएगी जो देश को बचा सके। मेरी बातों पर विश्वास नहीं तो भारत के सहयोग से पलने वाले बांग्लादेश से सीख ले लो।
उन्होंने श्रद्धालुओं से सनातन बोर्ड की मुहिम से जुड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि हर देशवासी के पास यह संदेश जाना चाहिए कि वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड भी आवश्यक है। इस कार्य में सहयोग आपकी देश भक्ति और धर्म भक्ति दोनों को दर्शाएगा।
कथा में मुख्य रूप से अरुण चतुर्वेदी, पवन चतुर्वेदी, दीपक शर्मा, कृपाशंकर दीक्षित, अनुपम मिश्रा, वीरेन्द्र चतुर्वेदी, हिमांशु, अमृतांश, ओम, सूर्यांश अवधेष, राजेश, नरेश, हरिओम, पंकज, पवन, राघव आदि उपस्थित थे।
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