विविः स्थायी शिक्षक हैं नहीं, नैक ए प्लस कैसे देगा ?
आगरा। डा. भीमराव अंबेडकर विवि के लगभग सभी संस्थान तथा अध्ययन करने वाले छात्र-छात्रा योग्य शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।
विवि में शिक्षकों के 95 स्वीकृत पद हैं। लेकिन शिक्षकों के सेवानिवृत होने तथा उनके स्थान पर स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण स्थायी शिक्षकों की संख्या घटकर 44 रह गई है।
इसका खामियाजा विवि के छात्र तो भुगत ही रहे हैं, विवि को भी आगामी नवंबर में होने वाले नैक के निरीक्षण में इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
विवि की कुलपति आशू रानी की मंशा है कि उनके कार्यकाल में विवि को नैक के निरीक्षण में ए प्लस का दर्जा मिल जाए।
स्थायी शिक्षकों की संख्या स्वीकृत पदों के सापेक्ष आधे से भी कम होने के कारण विवि का ए प्लस केटेगरी में आना मुश्किल ही नहीं असंभव है।
बता दें कि नैक के पिछले निरीक्षण में भी शिक्षकों की संख्या में कमी के कारण नैक की टीम ने विवि से स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति करने की सिफारिश की थी।
नैक के सदस्यों का कहना था कि संविदा पर रखे गए शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। 45 हजार रुपये मासिक पाने वाले संविदा शिक्षक को अपने परिवार के भरणपोषण के लिए पढ़ाने के अलावा अन्य पार्ट टाइम कार्य भी करना पड़ता है।
विवि प्रशासन ने इस नियुक्तियों को लेकर अभी तक कोई विज्ञापन जारी नहीं किया है। हालांकि गत कार्यपरिषद की बैठक में इन नियुक्तियों पर लागू होने वाले रोस्टर को स्वीकृति दी जा चुकी है।
यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि प्रत्येक कुलपति के कार्यकाल में जारी होने वाले रोस्टर में आरक्षित पदों की संख्या बदल जाती है।
What's Your Reaction?