मन, मस्तिष्क और शारीरिक संतुलन आधारित समग्र चिकित्सा ही भविष्य

आगरा। एसोपिकोन यूपी 2025 में प्रस्तुत शोधों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज की चिकित्सा प्रणाली केवल शारीरिक लक्षणों के उपचार तक सीमित नहीं रह सकती। मन, मस्तिष्क और शरीर के संतुलन पर आधारित समग्र चिकित्सा ही भविष्य है। यह सम्मेलन न केवल चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए एक शैक्षणिक अवसर है बल्कि समाज के लिए स्वस्थ्य जीवनशैली, मानसिक संतुलन और वैज्ञानिक चेतना का संदेश लेकर आया है। 

Mar 28, 2025 - 22:42
 0
मन, मस्तिष्क और शारीरिक संतुलन आधारित समग्र चिकित्सा ही भविष्य
आगरा क्लब में आयोजित एसीपिकोन यूपी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता और प्रख्यात चिकित्सक डॉ. डीके हाजरा।  

-नियमित योगाभ्यास से बढ़ा सकते हैं शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता, एसोपिकोन यूपी में प्रस्तुत किए गए शोधपत्र 

एसएन मेडिकल कॉलेज के फिजियोलाजी विभाग एवं एसोपिकॉन के बैनर तले आगरा क्लब में चल रहे सम्मेलन के गेस्ट ऑफ़ ओनर डॉ. डीके हाजरा ने अपने दीर्घ अनुभव से सम्मेलन में मौजूद चिकित्सकों को चिकित्सा और मानवता के उच्च आदर्शों की प्रेरणा दी।

सम्मेलन का प्रमुख विषय रहा साइको-न्यूरोफिजियोलॉजी एक उभरता हुआ विज्ञान जो मन, मस्तिष्क और शरीर के परस्पर संबंधों को समझकर रोगों की समग्र चिकित्सा का मार्ग प्रशस्त करता है। यह विषय आम जनमानस के लिए अत्यंत उपयोगी है, क्योंकि मानसिक तनाव, चिंता, नींद की गड़बड़ी, और भावनात्मक असंतुलन अनेक शारीरिक बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। योग, ध्यान, संतुलित आहार और अनुशासित जीवनशैली इन समस्याओं का प्रभावी समाधान बन सकते हैं।

चिकित्सकों ने कहा कि वैज्ञानिक शोध यह स्पष्ट कर रहे हैं कि मस्तिष्क और पाचन तंत्र का गहरा संबंध है और हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि माइंड-बॉडी मेडिसिन यह दर्शाता है कि मन की स्थिति और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के बीच सीधा संबंध है।

तनाव कम करने से अनेक रोगों में सुधार संभव है। योग और साइकोन्यूरोइम्यूनोलॉजी बताती है कि नियमित योगाभ्यास से मानसिक संतुलन के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं। अस्वस्थ पाचन क्रिया से मानसिक रोगों की संभावना बढ़ती है। उचित आहार और जीवनशैली अपनाकर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। 

सम्मेलन की सफलता में सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता मुख्य संरक्षक के रूप में नेतृत्वकारी भूमिका में रहे। डॉ. ऋचा श्रीवास्तव, ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन, डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी, डॉ. अशुतोष भारद्वाज, कोषाध्यक्ष इन सभी ने आयोजन को उत्कृष्ट वैज्ञानिक स्तर, अनुशासन और गरिमा प्रदान की।

एसओपी यूपी की अध्यक्ष एवं किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ श्रद्धा सिंह सम्मेलन की प्रमुख प्रेरक शक्ति रहीं। उन्होंने एच पाइलोरी संक्रमण के न्यूरोलॉजिकल प्रभाव पर व्याख्यान द्वारा रोगों के मनो-शारीरिक दृष्टिकोण को नई दिशा दी। सस्था के महासचिव एम्स पटना के डॉ. जीके पाल ने गट ब्रेन एक्सिस और साइकोफिजिकल हेल्थ पर अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा की, जो विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए अमूल्य रही।

हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ के प्राचार्य एवं अधिष्ठाता डॉ. नरसिंह वर्मा  ने आयोजन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाई और उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया।

SP_Singh AURGURU Editor