संभल की शाही मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट से हिंदू पक्ष के दावे मजबूत होंगे?

संभल। संभल में शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले दावे किए गए हैं। हिन्दू पक्ष के दावे को मजबूत करते हैं।

Nov 29, 2024 - 14:01
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संभल की शाही मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट से हिंदू पक्ष के दावे मजबूत होंगे?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जामा मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मस्जिद में कई हिन्दू प्रतीक चिन्ह मिले है। पश्चिमी गेट के पास द्वारपाल शैली के खंबे हैं जिनपर कलाकृतियां बनी हुई हैं। इसके साथ ही मस्जिद में 50 आले मिलने का दावा किया गया है, जहां हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तिया रखी जाती थी। इसके साथ ही सर्वे की रिपर्ट में मस्जिद के मुख्य गुंबद पर तार कलशों की आकृति  मिली है और एक टूटे तीर का निशान है। 

जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि मस्जिद के पश्चिमी गेट पर खंभे स्तंभ के रूप में हैं जिनपर कमल के फूल और बीच में चित्रकारी है। इनके ऊपर ऊपर घुमावदार प्रवेशद्वार है, जो कि तोरण स्तंभ शैली से मिलता जुलता है। दोनों स्तंभों के पास दो और खंभे हैं जो कि द्वारपाल शैली के हैं। पश्चिमी गेट पर मौजूद इन सभी स्तंभों, खंभों और प्रवेशद्वार को हरे रंग से पेंट किया गया है।

 

मस्जिद के भीतर बड़ा सा आंगन है जिसमें वजूखाना है। इस वजूखाने को हिंदू पक्ष ने कुंड करार दिया। इसी आंगन में बरगद का पेड़ मिला है जिसे सर्वे के दौरान ही चिन्हित किया गया और हिंदू पक्ष ने सर्वे के दौरान इसे मंदिर और आस्था का प्रतीक बताया था। वहीं मस्जिद के पश्चिमी द्वार के पास एक कुआं भी मिला है, जिसे अब ढक दिया गया है। सर्वे के दौरान दोनों पक्षों ने माना था कि यहां एक समय पर पूजा पाठ होती थी। मस्जिद की दीवारों पर कई मोटे मोटे खंभे मिले हैं और उन पर भी फूल और चित्रकारी की आकृति प्रदर्शित है।

सर्वे में मस्जिद के मूल परिसर के भीतर गुंबद के नीचे एक लंबी सी जंजीर लटकी मिली है हिंदू पक्ष ने इसे मंदिर की जंजीर बताया है, जिसमें घंटी बांधी जाती थी। मस्जिद की मीनारें छतरीदार कलाकृति से बनी है, जिसे राजपूत शैली बताया जा रहा है। मस्जिद के भीतर भूरे रंग का एक शिलालेख भी मिला है जिस पर लिखा है कि इसका निर्माण बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर बेग ने 933 हिजरी साल में करवाया। तहखाने में दीवारों पर वर्तमान युग के दो खंभे मिले हैं।

 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष के विरोध की वजह से पश्चिमी भाग को छोड़ कर मस्जिद के अन्य बाहरी भागों का सर्वे नहीं हुआ, जिसमें बाजार की तरफ वाला पूर्वी हिस्सा, टीले के पास बंद पड़े तहखानों वाला उत्तरी हिस्सा शामिल है। इस दौरान कई लोहे की रॉड आंगन भी मिली जिनका इस्तेमाल मस्जिद में कार्यक्रम के लिए टेंट लगाने में किया जाता है। मुख्य दीवार पर फारसी अक्षरों से लिखावट की गई है।

मस्जिद के मुख्य गुंबद को भीतर से भूरे रंग का है और गुम्बद और उसके पास उर्दू और फारसी शब्दों से कई जगह लिखावट की गई है और हिंदू पक्ष का आरोप है कि सभी लिखावट मंदिर को मस्जिद में परिवर्तित करने के दौरान की गई। सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में दक्षिणी ओर पर एएसआई का बोर्ड भी पड़ा हुआ है, जिसमे लिखा हुआ है कि मस्जिद एएसआई की संपत्ति है और छेड़खानी करने पर जुर्माना लगेगा।

 

संभल की जामा मस्जिद को लेकर हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिस पर मस्जिद का निर्माण कराया गया है। इस मामले पर स्थानीय जिला अदालत ने कोर्ट कमिश्नर की देखरेख में मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया था, जिसको लेकर इलाके में तनाव हो गया। 24 नवंबर को जब सर्वे की टीम यहां पहुंची स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, जिसके बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में चार की मौत हो गई है। 

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