विश्व बाजार में भी आज हिंदी की मांग- प्रो. श्रीधर
संसार के लिए भारत एक बड़ा बाजार है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी का महत्व अब समझा जा रहा है। जिन कंपनियों को भारत में अपना उत्पाद बेचना है वह हिंदी को अपनाने लगी हैं।
हिंदी दिवस पर विशेष
आगरा। हिंदी आज विश्व बाजार में तेजी से बढ़ रही है। तकनीक में भी हिंदी को अपनाया जा रहा है। किसी भी देश में जाएं, हिंदी समझने वाले एक दो लोग मिल ही जाएंगे।
यह कहना है विवि के केएम हिंदी एवं भाषा विज्ञान विद्यापीठ के निदेशक प्रो. श्रीधर का।
हिंदी दिवस पर हिंदी की महत्ता के संबंध में उन्होंने बताया कि वह राजनैतिक विवाद में नहीं पड़ना चाहते कि हिंदी राष्ट्रभाषा बने या नहीं। देश के बाहर भी चाहे लोग हिंदी बोल पाएं या नहीं लेकिन हिंदी फिल्मों से परिचित हैं।
प्रो. श्रीधर ने बताया कि अभी हाल में बाली की यात्रा पर उन्होंने देखा कि वहां के लोग भी शाहरुख खान की दिल वाले दुल्हनियां ले जाएंगे और सलमान खान की फिल्मों के बारे में बात करते हैं। कुछ लोग तो गाने गुनगुनाते भी हैं।
इस दृष्टि से देखा जाए तो बालीवुड ने हिंदी प्रचार प्रसार में बड़ा योगदान दिया है। हिंदी गाने विभिन्न देशों में सुने जाते हैं।
60, 70 के दशक के मशहूर अभिनेता राजकपूर को लोग रशिया में पहचानते थे। उनके गाने गाते थे। हालांकि वे हिंदी भाषी नहीं थे।
प्रो. श्रीधर का मानना है कि भारत पूरे संसार के लिए एक बड़े बाजार के रूप में उभरा है। यही कारण है कि जिन कंपनियों को भारत से व्यापार करना है, उनके प्रतिनिधि काम चलाने लायक हिंदी सीख कर भारत आते हैं।
हिंदी के दुभाषियों की मांग तेजी से बढ़ी है। इन कंपनियों को पता है कि भारत में हिंदी बोलने वालों का एक बड़ा बाजार है। यदि उनतक अपना प्रोडक्ट पहुंचाना है तो हिंदी को अपनाना ही होगा।
What's Your Reaction?