पेड़ काटने के कानूनों पर बहस तक सीमित रही सुनवाई, अगली तारीख 11 फरवरी
आगरा। ताज ट्रिपेजियम जोन में तीन स्थानों पर हरे पेड़ों के काटे जाने के मामलों पर आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान बहस पेड़ काटे जाने के अलग-अलग कानूनों को लेकर हुई बहस तक सीमित रही। इस दौरान याचिकाकर्ता आगरा के पर्यावरणविद डॊ. शरद गुप्ता की ओर से टीटीजेड एरिया में पेड़ों की गिनती कराने की मांग भी उठाई गई। सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों पर अगली सुनवाई अब 11 फरवरी को होगी।
-रेलवे मालगोदाम, माथुर फॊर्म हाउस और डालमिया फॊर्म हाउस से हरे पेड़ काटने के मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने सुना
-याचिकाकर्ता डॊ. शरद गुप्ता की ओर से ताज ट्रिपेजियम जोन में पेड़ों की गिनती कराने की मांग उठाई गई
ये तीनों मामले पहले विगत 25 जनवरी को सुने जाने थे, लेकिन उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 28 जनवरी नियत कर दी थी। आज न्यायमूर्ति अभय एस ओका और एक अन्य न्यायमूर्ति की दो सदस्यीय बेंच में इन मामलों की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता डॊ. शरद गुप्ता के वकील अंशुल गुप्ता ने टीटीजेड क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद लगातार पेड़ों की कटाई पर चिंता जताते हुए मांग की कि ताज ट्रिपेजियम जोन में सारे पेड़ों की गिनती कराई जाए ताकि पेड़ों का संरक्षण हो सके।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए एडिशनल सॊलिसीटर जनरल एश्वर्या भाटी ने टीटीजेड में पेड़ों के काटने पर लगाए गए जुर्माने का मामला उठाया तथा कहा कि सीईसी ने प्रति पेड़ एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है जो कि बहुत ज्यादा है। इसे कम कर दस हजार रुपये प्रति पेड़ किया जाए। उन्होंने कहा कि पेड़ों के काटे पर जुर्माने का प्रावधान पहले से ही कानून में है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ काटने का जुर्माना भी अलग-अलग है। ये एक समान होना चाहिए।
याचिकाकर्ता डॊ. शरद गुप्ता के अधिवक्ता अंशुल गुप्ता ने रेलवे मालगोदाम मामले में सीईसी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के रिकॊर्ड में न आने की ओर बेंच का ध्यान आकर्षित किया। इस पर बेंच ने कहा कि ये रिपोर्ट आप ही कोर्ट में सबमिट कर दें।
पेड़ काटने के कानूनों पर हुई बहस के बाद बेंच ने इन मामलों की सुनवाई के लिए अगली तारीख 11 फरवरी नियत की। आज की सुनवाई के दौरान सीईसी के मेंबर और याचिकाकर्ता डॊ. शरद गुप्ता भी कोर्ट में मौजूद थे।