खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में हाथरस बना रहा अलग पहचान
− फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के हाथरस चैप्टर ने आयोजित किया भविष्य की संभावना एवं चुनौतियों पर विचार विमर्श। − जिले में फूड पार्क स्थापना की उठी मांग, हींग, मिष्ठान और मसालों की दुनिया दीवानी।
हाथरस। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आर्थिक मजबूती का आधार बन रहा है, सरकार इस उद्योग की संभावनाओं को गंभीरता से ले रही है। इसी के चलते लगातार अनुदान की सौगातें मिल रही हैं। बस जरूरत है कि सरकार की नीतियों की सही जानकारी रखें और अपने उद्योग को नए आयाम दें।
मुख्य वक्ता एवं संस्था के सरकारी नीतियों के आर्थिक विशेषज्ञ सीए आरके जैन ने खाद्य प्रसंस्करण नीति के बारे में यह जानकारी दी। चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा सोमवार को भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों के साथ सरकार की नीतियों पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। रामोजी रिसॉर्ट में संस्था द्वारा विचार विमर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोएसिएशन आगरा चैप्टर के संरक्षक विष्णु कुमार गोयल, अध्यक्ष राजकुमार भगत, महासचिव अनुज सिंघल, उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल (मुंशी पन्ना), सचिव विकास चतुर्वेदी, अवध अग्रवाल, हर्ष मित्तल, कीर्ति मेहरा, विशाल चाहर ने मां भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया।
कार्यक्रम संयोजक नितिन अग्रवाल (निदेशक सर्वेश्वर फूड) और नितिन वार्ष्णेय (निदेशक बीएमबी मसाले) ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए नितिन अग्रवाल ने कहा कि हाथरस बहुत तेजी से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। यदि सरकार यहां फूड पार्क एवं टेस्टिंग लैब की स्थापना कर दे तो उद्योग को पंख लग सकते हैं। नितिन वार्ष्णेय ने कहा कि प्रदेश में व्यापक तरीके से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में तेजी से कार्य करने वाला जिला हाथरस बन चुका है। आज भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में हाथरस कन्फेंसरी, नमकीन, बेकरी, मसाले, घी, मिष्ठान और मेवे जैसे खाद्यों के प्रसंस्करण में बहुत तेजी से अपनी छाप बना रहा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं संस्था के सरकारी नीतियों के आर्थिक विशेषज्ञ सीए आरके जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना के अंतर्गत सरकार 35 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है। बैंक भी 90 प्रतिशत ऋण दे रही हैं। बहुत सारे उत्पाद हैं, जिन पर सरकार छह प्रतिशत तक ब्याज में छूट भी रही है। सोलर प्लांट और निर्यात पर भी 25 प्रतिशत तक सब्सिडी सरकार उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने बताया कि विगत 10 अक्टूबर के बाद सरकार ने ग्रामीण गोदाम पर महिलाओं और दिव्यांगों को अधिक से अधिक एक करोड़ तक का अनुदान प्रदान करने की नीति जारी कर दी है। यदि वर्तमान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश किया जाए तो भविष्य सुनहरा हो सकता है।
संस्था के चीफ एडवाइजर मनीष अग्रवाल ने संगठन के विस्तार और उपयोगिता को लेकर उद्यमियों को जागरुक किया। कहा कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को महत्वपूर्ण दृष्टि से देखती है। इसकी असीम संभावनाओं को लेकर संगठित होकर आगे बढ़ना होगा। कार्यक्रम में संस्था से जुड़े नये सदस्यों का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर धीरेंद्र कुमार वार्ष्णेय, अशोक अग्रवाल, वैभव खंडेलवाल, राहुल शर्मा, सचिन अग्रवाल, सौरभ वार्ष्णेय, मुकेश बंसल, प्रमोद कुमार सालूजा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की व्यवस्थाएं एडमिनिस्ट्रेटर अपराक शर्मा और दिलीप कुमार ने संभालीं।
फूड फैक्ट 2025 की हुयी घोषणा
कार्यक्रम में चैंबर आफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन के चीफ एडवाइजर मनीष अग्रवाल ने आगरा में 22, 23 और 24 मार्च को आयोजित होने जा रहे फूड फैक्ट 2025 (फूड, आर्ट, चैन एंड टैक्नोलोजी एक्जिबीशन एंड कॉन्फ्रेंस) की घोषणा की। उन्होंने हाथरस के उद्यमियों को आयोजन के लिए आमंत्रित किया और इसकी उपयोगिता को बताया।
ये जुड़े नये सदस्य
नितिन अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, वैभव खंडेलवाल, विशाल चाहर, सौरभ गुप्ता, तरुण अग्रवाल ने संस्था की सदस्यता ग्रहण की।
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