हरियाणा चुनावः आखिर के तीन दिन देखने योग्य घमासान
हरियाणा के विधान सभा चुनाव में प्रचार के अब तीन दिन ही बचे हैं। इन तीन दिनों के लिए हर राजनीतिक दल ने अपनी रणनीति बनाकर पूरी ताकत झोंक दी है।
एसपी सिंह
चंडीगढ़। हरियाणा विधान सभा चुनाव में प्रचार का शोर अब तीन दिन का और है। आखिर के तीन दिनों के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियां बनाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के सारे बड़े धुरंधर मैदान में उतरे हुए हैं।
कांग्रेस ने झोंक दी है पूरी ताकत
इस चुनाव में कांग्रेस ने यूं तो पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन चुनाव प्रचार का दौर खत्म होने को आ गया है और सरकार बनाने के प्रति आश्वस्त कांग्रेस में अभी भी सांसद शैलजा कुमारी की नाराजगी का मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पिछले दिनों पार्टी नेताओं से वार्ता के बाद शैलजा ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए चुनाव प्रचार में जुटने की बात कही थी। इससे पहले वे रूठी हुई थीं और चुनाव प्रचार से खुद को अलग कर लिया था।
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के एक समर्थक द्वारा अभद्र टिप्पणी किए जाने से शैलजा बहुत नाराज हो गई थीं। बाद में केंद्रीय नेताओं ने किसी तरह उन्हें मनाया था। शैलजा इसके बाद चुनाव प्रचार के लिए तो निकलीं, लेकिन वे उन्हीं क्षेत्रों तक सीमित रहीं जहां उनके समर्थक चुनाव लड़ रहे हैं।
शैलजा को अब तो आना ही पड़ेगा
इससे दलित मतदाताओं के बीच गलत संदेश की आशंका में कांग्रेस हाईकमान ने अब एक तरकीब सोची है। तरकीब यह है कि नेता विपक्ष राहुल गांधी अब तीन दिन तक हरियाणा में ही रहेंगे। रात्रि विश्राम भी वहीं करेंगे। इस दौरान उनके रोड शो कराने का प्लान है। दरअसल इस प्लान के पीछे जो वजह है, वह यह है कि राहुल गांधी के कार्यक्रमों में शैलजा कुमारी को रहना ही पड़ेगा और कांग्रेस इस प्रकार दलितों में जा रहे गलत संदेश से पड़ रहे असर को निष्प्रभावी कर सकेगी।
कांग्रेस ने तीन दिन के दौरान दर्जनों सीटों पर राहुल गांधी के रोड शो कराने की तैयारी कर रखी है। उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी समेत पार्टी के दूसरे नेता भी हरियाणा को मथने में लगे हुए हैं।
भाजपा ने सारे धुरंधर उतार दिए
भाजपा ने भी अपने सारे धुरंधर नेताओं की फौज हरियाणा में उतार रखी है। पार्टी की ओर से मुख्य प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। आज मंगलवार को भी फऱीदाबाद जिले में पीएम मोदी की रैली होने जा रही है। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत पार्टी के अन्य बड़े नेता सघन चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
यही नहीं, भाजपा ने आसपास के राज्यों के भाजपा नेताओं को जातीय समीकरण साधने के लिए हरियाणा में जुटा रखा है। भाजपा की ओर से मतदान के दिन के लिए बूथ मैनेजमेंट पर भी पूरा फोकस किया जा रहा है।
इनेलो-बसपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी
इनेलो-बसपा गठबंधन भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंके हुए है। इनेलो की ओर से अभय चौटाला और उनके पुत्र लोगों के बीच जा रहे हैं तो पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला के रिकार्डेड संदेश भी जनसभाओं में सुनवाए जा रहे हैं। गठबंधन की दूसरी पार्टी बसपा की ओर से पार्टी सुप्रीमो मायावती और नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद भी हरियाणा में चुनावी रैलियां कर दलित वोटों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर चुके हैं।
जेजेपी-एएसपी का भी सघन प्रचार
ओम प्रकाश चौटाला के बड़े पुत्र डाक्टर अजय चौटाला की पार्टी जेजेपी का गठबंधन सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से है। जेजेपी की ओर से डाक्टर अजय चौटाला के अलावा उनके पुत्र एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सजातीय जाट मतदाताओं के बीच सघन प्रचार कर रहे हैं। दलित मतों को साधने के लिए सांसद चंद्रशेखर आजाद भी हरियाणा के निरंतर दौरे कर रहे हैं।
केजरीवाल बता रहे खुद को हरियाणा का बेटा
आम आदमी पार्टी अकेले ही चुनाव मैदान में है। कांग्रेस द्वारा गठबंधन में भाव न दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी ने भी ज्यादातर सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए थे। प्रारंभ में पार्टी में मायूसी सी थी, लेकिन पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के जमानत पर जेल से बाहर आते ही पार्टी में नया जोश पैदा हो गया है। अरविंद केजरीवाल भी खुद को हरियाणा का बेटा बताकर मतदाताओं से एक बार आम आदमी पार्टी को परखने की बात कह रहे हैं।
कुल मिलाकर हरियाणा में इस समय जबर्दस्त चुनावी घमासान है। भाजपा सरकार बचाए रखने को प्रयासरत है तो कांग्रेस अपनी सरकार बनाने को। इनेलो-बसपा, जेजेपी-एएसपी गठबंधन और आम आदमी पार्टी की कोशिश यह है कि वे इतनी सीटें ले आएं कि उनके बगैर सरकार बन ही न सके। देखते हैं मतदाताओं ने क्या सोच रखा है।
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