गुरुद्वारा मंजी साहिब का हुआ दूध से स्नान, गुरु तेग बहादुर से जुड़ी है कहानी

आगरा। हिंद की चादर के नाम से विख्यात नवी पातशाही गुरु तेग बहादुर साहिब का शहीदी दिवस गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब गुरु का ताल में 6 दिसंबर को भव्यता के साथ मनाया जाएगा । इससे पूर्व गुरुद्वारा परिसर स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब का आज दूध से स्नान किया गया। सैकड़ो की संख्या में संगतो ने हिस्सा लेकर गुरुद्वारे की दूध के साथ धुलाई व साफ सफाई की। 

Dec 3, 2024 - 18:49
 0
गुरुद्वारा मंजी साहिब का हुआ दूध से स्नान, गुरु तेग बहादुर से जुड़ी है कहानी
गुरुद्वारा मंजी साहिब के दुग्ध स्नान के मौके पर मौजूद श्रद्धालुजन।

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा मंजी साहिब वह स्थान है, जहां से गुरु तेग बहादुर साहिब की गिरफ्तारी की गई थी। वे यहां अपने सिख भाई सती दास, भाई मती दास, भाई दयाल, भाई गुरदित्ता और भाई उदय के साथ रुके थे। जिसके चलते इस स्थान को गुरुद्वारा मंजी साहिब कहा जाता है। मुगलिया हुकूमत ने उन्हें यहां गिरफ्तार कर 9 दिन तक बंदी बनाकर रखा था। 

जिस स्थान पर  गुरु जी को कैद कर के रखा गया था, वह स्थान भोरा साहिब के नाम से सुशोभित  है। 9 दिन के बाद उन्हें यहां से दिल्ली ले जाया गया, जहां चांदनी चौक में तीनों सिखों के साथ गुरुजी ने अपनी शहादत दी थी। 

शहीदी दिवस से 3 दिन पूर्व प्रतिवर्ष गुरुद्वारा मंजी साहिब का दूध से स्नान कराया जाता है। जिसमें संगत बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। सात मंजिला ऊंचे गुरुद्वारे की दूध से धुलाई के लिए काफी बड़े पतीलों में दूध भर दिया जाता है, जिन्हें हाइड्रोलिक पंप के माध्यम से ऊपर भेजा जा रहा था। संत बाबा प्रीतम सिंह की अगवाई और अरदास के साथ स्नान की सेवा शुरू की गई। गुरुद्वारे की सभी दीवारें, खंभों व छतों आदि की साफ सफाई की गई।

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि 4 दिसंबर को सुबह गुरुद्वारा मंजी साहिब में अखंड पाठ साहिब रखे जाएंगे, जिसका समापन 6 दिसंबर को सुबह होगा। इस दौरान बाबा अमरीक सिंह,ग्रंथि हरबंस सिंह,हरनाम सिंह, गुरमीत सेठी ,परमजीत सारना आदि मौजूद रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

SP_Singh AURGURU Editor