डीईआई के ओपन डे में उपलब्धियों का शानदार प्रदर्शन

आगरा। दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने आज 31 जनवरी को अपने स्थापना दिवस को अद्वितीय उत्साह, जोश और उल्लास के साथ मनाया। यह दिन इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह डीईआई के संस्थापक निदेशक गुरु हुजूर डॉ. एमबी लाल साहब की जयंती का प्रतीक है। ओपन डे के रूप में मनाए गए इस समारोह में डीईआई के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की उपलब्धियों और पहलों का शानदार प्रदर्शन हुआ।

Jan 31, 2025 - 19:09
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डीईआई के ओपन डे में उपलब्धियों का शानदार प्रदर्शन
डीईआई के स्थापना दिवस पर शुक्रवार को परिसर में लगे स्टॊलों पर छात्रों की उपलब्धियों का अवलोकन करते लोग।

-लगभग दस हजार लोगों ने परिसर का दौरा कर छात्रों और शिक्षकों की उपलब्धियों को देखा

 राधास्वामी शिक्षण संस्थान की स्थापना के साथ 1917 में स्थापित डीईआई की जड़ें लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एमबी लाल साहब द्वारा तैयार की गई डीईआई की गहन दृष्टि और अभिनव शिक्षा नीति में हैं। संस्थान अपने छात्रों में सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के साथ वर्षों से उत्तरोत्तर विकसित हुआ है।

ओपन डे के मौके पर पूरा परिसर गतिविधियों, प्रदर्शनों और रंग-बिरंगी सजावट से जीवंत हो उठा। उत्सव में डीईआई के छात्रों की लगन और कड़ी मेहनत को प्रदर्शित किया गया, जिन्होंने अपने अभिनव प्रोजेक्ट और रचनात्मक कार्यों को विभिन्न मीडिया जैसे कि ग्राफिकल चार्ट, वर्किंग मॉडल, डिस्प्ले बोर्ड और इंटरएक्टिव गतिविधियों के माध्यम से प्रस्तुत किया।

डीईआई में संकाय और केंद्रीय स्थानों पर व्यवस्था की रूपरेखा सावधानीपूर्वक बनाई गई थी, जिससे आगरा के आम लोगों और आमंत्रित आगंतुकों को अध्ययन और कार्य के विभिन्न क्षेत्रों में नई पहल और उच्च प्रदर्शन का पता लगाने का मौका मिला।

समारोह में कुल 51 स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें कपड़ा, सिरेमिक और मिट्टी के बर्तन, जैविक खेती, कृषि प्रौद्योगिकी, ग्रीन हाउस प्रौद्योगिकी, पेटेंट, प्लेसमेंट, अनुसंधान, डेयरी प्रौद्योगिकी, 3-डी प्रिंटिंग, नैनो और क्वांटम विज्ञान, चेतना, ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम, चमड़ा प्रौद्योगिकी, अनुपम उपवन, उन्नत भारत अभियान, पूर्व छात्र नेटवर्क, कौशल विकास, खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा शिविर, डीईआई शिक्षा नीति, डीईआई का इतिहास और केंद्रीय प्रशासन, प्रवेश और परीक्षा सहित कई अन्य क्षेत्रों से संबंधित मॉडल और गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया।

उत्तर प्रदेश के लगभग 50 स्कूलों के युवा स्कूली बच्चों ने भी परिसर का दौरा किया और डीईआई के कार्यों और उपलब्धियों का शानदार प्रदर्शन देखा। लगभग दस हजार लोग इस अवसर पर एकत्रित हुए और डीईआई परिसर का दौरा किया। डीईआई के छात्रों और कर्मचारियों द्वारा सुबह से देर दोपहर तक भक्ति संगीत का पाठ पूरे परिसर में गूंजता रहा, जिससे गहन दिव्यता और भक्ति का माहौल बन गया।

इसी अवसर पर दयालबाग के कृषि-सह-परिशुद्धता खेती प्रक्षेत्र पर सुबह बुलाई गई सलाहकार समिति की बैठक के दौरान शिक्षा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर पीएस सत्संगी साहब की उपस्थिति खास रही। यह सभा डीईआई में उच्च शिक्षा कार्यक्रम का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए डॉ. एमबी लाल साहब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए बुलाई गई थी।

दयालबाग शैक्षणिक संस्थानों की शिक्षा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर पीएस सत्संगी ने सर्वोच्च आध्यात्मिकता के भंडार के उच्चतम निवास से लगातार निकलने वाली 'धुन' (आध्यात्मिक ध्वनि या जाप) के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसे परम पुरुष पूरन धनी हुजूर स्वामी जी महाराज द्वारा दयालबाग में स्थापित ‘रा-धा-स्व-आ-मी’ मत में वैज्ञानिक रूप से समझाया गया है।

SP_Singh AURGURU Editor