दंभ और अहंकार का करें त्याग: गरिमा किशोरी
आगरा। बोदला रोड स्थित रंग महल बैंक्वेट के हॉल में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पं गरिमा किशोरी ने वामन अवतार कथा का सार बताया। साथ ही श्री रामजन्मोत्सव, श्री रामकथा, श्री कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन भी किया गया।
व्यासपीठ से पं गरिमा किशोरी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ-साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों।
कथा व्यास गरिमा किशोरी ने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
वामन अवतार की कथा के सार के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जन्मोत्सव व श्रीरामकथा का वर्णन करते हुए गरिमा किशोरी जी ने कहा कि श्री राम जी त्याग, आदर्श व कर्तव्य की प्रतिमूर्ति थे। वे नम्र ,सरल व महान व्यक्तित्व के धनी थे।उनका जीवन से हमें हमेशा आदर्शों पर चलते हुए जीवन को महान बनाने की प्रेरणा देती है।
अंत मे श्री कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान मधुर संगीत में हजारों की संख्या में भक्त झूमते हुए उच्च स्वर में नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की,,,गाते रहे। साथ ही आरती व प्रसादी वितरण के साथ चौथे दिन की कथा का समापन हुआ।
इस अवसर पर परीक्षित नानक राम-गंगा देवी मानवानी , मोतीराम अमुलानी, गुरुदासमल संगतानी,समाज सेवी श्याम भोजवानी,
जयप्रकाश धर्माणी, पुरूषोतम लछवानी,डॉ सौरभ कुलश्रेष्ठ, ललित सुमरानी, सतीश मरवानी, हनी मंगनानी, दिलीप, भूपेंद्र पचौरी,आशीष जादवानी, भावना करमचंदानी, गोपाल शर्मा,चेतनदास, दिलीप भाटिया आदि उपस्थित रहे।
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