जब तक रिहा किए जाने वाले बंधकों की सूची नहीं दी जाती, युद्धविराम नहीं-नेतन्याहू
तेल अवीव। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आज तड़के साफ कर दिया है कि उनकी सरकार युद्धविराम समझौते पर तभी आगे बढ़ेगी, जब उन्हें हमास से रिहा होने वाले बंधकों की सूची मिल जाएगी। इसका मतलब साफ है कि हमास ने अब तक बंधकों की पूरी सूची इजरायल को नहीं सौंपी है. युद्धविराम शुरू होने से पहले आज तड़के राष्ट्र के नाम संबोधन में नेतन्याहू ने ये बात कही है। नेतन्याहू ने कहा कि उनका देश हमास के साथ सीजफायर को अस्थायी मानता है और जरूरत पड़ने पर लड़ाई जारी रखने का अधिकार रखता है। उन्होंने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन होने का भी दावा किया है।
तेल अवीब की एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने कहा, 'जब तक हमें डील के हिसाब से रिहा होने वाले बंधकों की सूची नहीं मिल जाती, हम युद्धविराम पर आगे नहीं बढ़ेंगे। इजराइल समझौते की शर्तों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा। ऐसा होता है तो इसके लिए हमास पूरी तरह से जिम्मेदार है।' इजरायली प्रधानमंत्री ने मांग की कि कैदियों की अदला-बदली से पहले आज दिन में रिहा किए जाने वाले बंधकों के नाम दे दिए जाएं। उनका ये बयान युद्धविराम समझौते पर इजरायली कैबिनेट की सहमति के बाद आया है।
हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम की शर्तों के तहत रिहा होने वाले 33 बंधकों की पहचान और उनके जीवित होने की स्थिति के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। गाजा में ये युद्धविराम आज से होना है। काफी समय लेने के बाद इजरायल कैबिनेट ने गाजा में युद्धविराम समझौते को सहमति दी है।ये समझौता बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करेगा और हमास के साथ 15 महीने के संघर्ष को अस्थायी रूप से रोक देगा। इससे गाजा में मदद का रास्ता भी खुलेगा।
यह युद्धविराम समझौता अक्टूबर, 2023 से चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। आने वाले दिन में यह स्पष्ट होगा कि यह युद्धविराम स्थायी शांति की ओर ले जाएगा या नहीं। फिलहाल क्षेत्र की स्थिति नाजुक बनी हुई है। इजरायल के हमलों में 46,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं। वहीं गाजा का ज्यादातर हिस्सा भी तबाह हो गया है। इससे एक मानवीय संकट पैदा हुआ है, युद्धविराम से क्षेत्र में शांति लौटने की उम्मीद बंध रही है।
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