एफएसएल की रिपोर्ट बनी मददगार, हत्या के आरोप से पांच बरी
आगरा। आपराधिक षड्यन्त्र रच हत्या एवं अन्य धारा में आरोपित पांच आरोपियों को अपर जिला जज 16 अपूर्व सिंह ने एसएफएल की रिपोर्ट से सच्चाई उजागर होनें पर बरी करने के आदेश दिए हैं।
-वादी ने पहले तो अपने भाई की दुर्घटना में मृत्यु का मुकदमा दर्ज कराया, बाद में हत्या का
थाना फतेहपुर सीकरी में दर्ज मामले के अनुसार वादी सुनील कुमार पुत्र रमेश चंद निवासी दोरेठा नम्बर 2 थाना शाहगंज ने 25 अक्टूबर 2014 को थाने पर तहरीर दे मुकदमा दर्ज कराया कि उसका बीस वर्षीय भाई अवधेश उर्फ का नचु अपनी एक्टिवा से आगरा से चौमाशाहपुर रिश्तेदारी में गया था। राजस्थान सीमा के पास अज्ञात वाहन द्वारा उसकी एक्टिवा में टक्कर मार दी थी। जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
बाद में दूसरा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि उसके भाई केशव की शादीशुदा चचेरी साली से वादी के भाई के प्रेम सम्बंध थे, जिसका वादी के भाई केशव के ससुरालीजनों द्वारा विरोध किया जाता था। दोनों को कई बार समझाने का प्रयास किया, परन्तु कोई मानने को तैयार नहीं हुआ ।
आरोपियों ने वादी कें भाई केशव की साली के माध्यम से बहाने से अवधेश को वहां बुला सिर में घातक चोटें पहुंचा इज्जत की खातिर वादी के भाई की हत्या कर दी।
वादी के उक्त प्रार्थना पत्र पर गजेंद्र सिंह, ओमप्रकाश निवासीगण विजय नगर कॉलोनी ,जिला भरतपुर एवं नन्द किशोर ,ओमप्रकाश ,योगेंद्र, सचिन निवासीगण चौमाशाहपुर, थाना फतेहपुर सीकरी के विरुद्ध आपराधिक षड्यन्त्र के तहत हत्या एवं अन्य धारा में मुकदमा दर्ज हुआ। आरोपी नन्द किशोर की मुकदमे के विचारण के दौरान मृत्यु हो जाने पर अदालत ने उसके विरुद्ध कार्यवाही समाप्त कर दी।
अभियोजन पक्ष की तरफ से वादी मुकदमा सहित 8 गवाह अदालत में पेश किए गए। अपर जिला जज 16 अपूर्व सिंह ने स्वतंत्र गवाह के अभाव एवं एफएसएल की रिपोर्ट के आधार पर माना कि मृतक की मृत्यु हत्या नहीं अपितु दुर्घटना कें कारण हुई थी। आरोपियों के अधिवक्ता सुरेश चन्द सोनी, विशाल प्रसाद के तर्क पर आरोपी गजेंद्र सिंह ,ओमप्रकाश पुत्र लक्ष्मण सिंह, योगेंद्र ,सचिन एवं ओमप्रकाश पुत्र जीवा राम को बरी करने के आदेश दिए।
What's Your Reaction?