अप्रैल से जून तक भीषण गर्मी का पूर्वानुमान, चिकित्सा-पशुपालन विभाग अलर्ट पर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अप्रैल, मई और जून माह में सामान्य से अधिक तापमान और भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है तथा तेज हीट वेव का भी पूर्वानुमान है। इन संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए उप्र सरकार के चिकित्सा तथा पशुपालन विभाग ने एहतियातन तैयारी शुरू कर दी है। वैसे तो पूरे प्रदेश में भारी गर्मी के आसार हैं लेकिन विशेषज्ञों ने खासतौर पर चेतावनी दी है कि राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र को सबसे गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मानव और पशु दोनों के स्वास्थ्य को काफी खतरा हो सकता है।

मौसम विभाग के अधिकारी अतुल कुमार सिंह ने बताया, “इन महीनों के दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान रहने की उम्मीद है। पूर्वानुमान के अनुसार दिन का तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की आशंका है।’’ रात के तापमान के भी असामान्य रूप से अधिक रहने का अनुमान है।
राज्य में झांसी और चित्रकूटधाम मंडल के सात जिले बुंदेलखंड में आते हैं। उधर, राजस्थान की सीमा से लगे पश्चिमी उप्र के जिलों में भी भीषण गर्मी की आशंका है। सिंह ने बताया, 'उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश की सीमा से लगे बुंदेलखंड क्षेत्र में शुरुआती पूर्वानुमान के अनुसार सबसे अधिक तापमान दर्ज किए जाने की उम्मीद है।'
मौसम विभाग ने कहा कि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही दिन के तापमान में वृद्धि के साथ आसन्न गर्मी का स्पष्ट पूर्वानुमान मिल गया है। मौसम विभाग के अनुसार, ‘‘कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, फतेहपुर, अमेठी, गाजीपुर, सुल्तानपुर और हमीरपुर में दिन का तापमान पिछले सप्ताह से 40 डिग्री के पार जा रहा है। प्रयागराज में अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसमी औसत से 4.2 डिग्री अधिक है।'
पूर्वानुमान में कहा गया है कि दिन का अधिकतम तापमान अक्सर 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक लगातार 40 डिग्री के आसपास रहेगा और कुछ क्षेत्रों में 45 डिग्री से भी अधिक होने की आशंका है। रात का तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। सिंह ने कहा, 'अप्रैल, मई और जून के महीनों में उत्तर प्रदेश में बारिश की संभावना सामान्य से कम है।'
इसके अलावा, पूरे राज्य में सामान्य से अधिक गर्मी यानि हीट वेव चलने की प्रबल आशंका है। पूर्वानुमान में कहा गया है, 'अप्रैल 2025 के दौरान, उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में लू चलने की संभावना है।' चिकित्सा पेशेवरों ने जोर देकर कहा कि हीट वेव से अकेले उच्च तापमान की तुलना में अधिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है। लखनऊ के चिकित्सक डॉ. शांतनु मिश्रा ने बताया, 'उच्च तापमान असुविधा का कारण बनता है, जिसे छाया में रहने और पर्याप्त पानी पीने से नियंत्रित किया जा सकता है।
हालांकि, लू के संपर्क में आने से शरीर का प्राकृतिक तापमान विनियमन बाधित होता है, जिससे गंभीर निर्जलीकरण और संभावित स्वास्थ्य जटिलताएं होती हैं।' मौसम विभाग के खतरनाक पूर्वानुमान के जवाब में, राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को शमन उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा, 'जिला प्रशासन को संभावित प्रतिकूल गर्मी के बारे में सचेत कर दिया गया है और इसके प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों के अस्पतालों को भी गर्मी से संबंधित बीमारियों में वृद्धि के लिए एहतियातन सतर्क रहने के लिए कहा गया है।'
शुपालन विभाग भी पशुधन की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है। उप्र सरकार के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा, 'राज्य भर में पशु आश्रय स्थलों को पशुओं के लिए छायादार क्षेत्र और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।” उन्होंने कहा कि “पशु चिकित्सा विभागों को ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की सहायता के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है, जिनके पशुओं को अत्यधिक गर्मी के चलते प्रतिकूल स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।”