पारंपरिक अनुष्ठान के साथ ही कुंभ का पहला प्रमुख आज से स्नान शुरू, एक करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी

पहला शाही स्नान कल, नागा साधु करेंगे सबसे पहले शाही स्नान, अगले 45 दिनों तक आस्था और अध्यात्म के अनेक रंग बिखरेंगे। महाकुम्भ में सभी अखाड़ों का छावनी प्रवेश हुआ पूरा, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का छावनी क्षेत्र में कल हुआ प्रवेश। बड़ा उदासीन अखाड़े के छावनी प्रवेश में राष्ट्रीयता और अध्यात्म का हुआ मेल, अखाड़े के ध्वज के साथ 130 फीट लंबे तिरंगे की पट्टिका बनी आकर्षण। रिमझिम बूंदा बांदी पर भारी पड़ी आस्था और भक्ति, कल तक जारी रहा अखाड़े का छावनी प्रवेश। जगह जगह स्थानीय नागरिकों और महाकुम्भ प्रशासन ने पुष्प वर्षा से किया संतों का स्वागत।

Jan 13, 2025 - 07:45
Jan 13, 2025 - 08:41
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पारंपरिक अनुष्ठान के साथ ही कुंभ का पहला प्रमुख आज से स्नान शुरू, एक करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
पारंपरिक अनुष्ठान के साथ ही कुंभ का पहला प्रमुख आज से स्नान शुरू, एक करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
पारंपरिक अनुष्ठान के साथ ही कुंभ का पहला प्रमुख आज से स्नान शुरू, एक करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी


प्रयागराज। प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा यानी महाकुंभ आज पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया। आज एक करोड़ लोग यहां आस्था की डुबकी लगाएंगे। पहला शाही स्नान कल मकर संक्रांति पर होगा। नागा साधु सबसे पहले कल शाही स्नान करेंगे। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर होने वाले आस्था  के इस महा आयोजन में अगले 45 दिनों के दौरान अध्यात्म के अनेक रंग बिखरेंगे।  ये महाकुंभ 12 साल के बाद आयोजित किया जा हो रहा है। हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए खगोलीय परिवर्तन और संयोजन 144 वर्षों के बाद हो रहे हैं, जो इस अवसर को और भी ज्यादा शुभ बना रहे हैं। शायद इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार को भरोसा है कि इस बार महाकुंभ में 35 करोड़ श्रद्धालु आएंगे।  प्रयागराज  महाकुम्भ में सनातन के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों की छावनी क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज हो गई। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की भव्य छावनी प्रवेश शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों संतों ने हिस्सा लिया। रिमझिम बारिश के बावजूद खराब मौसम पर आस्था और अध्यात्म का उत्साह भारी पड़ा


श्रद्धालुओं का आंकड़ा अभी से इस महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता की कहानी बयान कर रहा है। एक अनुमान के मुताबिक महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत से दो दिन पहले शनिवार को रिकॉर्ड 25 लाख लोगों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। अधिकारियों के मुताबिक, ''यह एक भव्य महाकुंभ होगा, जिसमें दिव्यता और आध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता भी दिखाई देगी क्योंकि यह एक तरह का ‘डिजिटल-महाकुंभ’ भी होगा, जिसमें एआई का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा।''

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा के दौरान हाल ही में कहा था कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होने वाला महाकुंभ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा था कि ''महाकुंभ भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है। यह आयोजन दुनिया भर के लोगों को अपनी प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक जड़ों से फिर से जुड़ने का मौका देता है।

मुख्य सचिव ने बताया कि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखने से सम्बन्धित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है। विभिन्न संप्रदायों के संतों के 13 अखाड़े इस महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। प्रयागराज में विभिन्न कार्यालयों की दीवारों को हिंदू धर्म, देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित प्रमुख घटनाओं के विभिन्न पहलुओं को दर्शाने वाले चित्रों से सजाया गया है।

शहर के चौराहों को भी विभिन्न धार्मिक वस्तुओं जैसे कलश, शंख और सूर्य नमस्कार आसन की विभिन्न मुद्राओं से सजाया गया है। इसके अलावा, शहर के अधिकांश प्रमुख चौराहों को नया रूप दिया गया है। पुलिस द्वारा विभिन्न चौराहों और तिराहों पर बैरिकेड भी लगाए गए हैं, जो पुलिस को भीड़ की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। संगम क्षेत्र या फाफामऊ में 30 से अधिक पंटून पुल भी नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किए गए हैं। 

महाकुंभ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जनवरी 2024 में अयोध्या में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आयोजित होने वाला पहला कुंभ मेला है। महाकुंभ 2025 में अखाड़ा क्षेत्र में अखाड़ों समेत विभिन्न संगठनों के शिविरों को हमेशा की तरह खूबसूरती से डिजाइन किया गया है। वहीं इस साल प्रवेश द्वार अपने अनूठे और विषयगत डिजाइनों से सुर्खियां बटोर रहे हैं।

जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में आस्था और अध्यात्म का शहर महाकुम्भ नगर सज संवर कर तैयार है। महाकुम्भ क्षेत्र में सनातन धर्म के सभी सम्प्रदायों  सिरमौर भी छावनी क्षेत्र में पहुंच गए हैं। इसी क्रम में सबसे आखिर में श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण ने पूरी भव्यता के साथ छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। अखाड़े के सचिव व्यास मुनि का कहना है कि छावनी प्रवेश यात्रा में दो हजार से अधिक महंत और  संत महात्माओं ने हिस्सा लिया। राम बाग फ्लाई ओवर से प्रवेश यात्रा की शुरुआत हुई जो शहर के विभिन्न मार्गों में होते हुए सेक्टर 20 में स्थित अखाड़े की छावनी क्षेत्र पहुंची। प्रवेश यात्रा में मार्गों के दोनो तरफ खड़े लोगों ने संतों को नमन करते हुए पुष्प वर्षा से उनका स्वागत किया। इसके साथ ही अब महाकुंभ क्षेत्र में सभी अखाड़ों की छावनी प्रवेश का सिलसिला भी पूरा हो गया है। 

श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण छावनी प्रवेश यात्रा में अध्यात्म और राष्ट्रवाद का अद्भुत संगम भी देखने को मिला। छावनी प्रवेश यात्रा में रथ, बग्घी और घोड़ों पर सवार साधु संतों का समूह कीडगंज स्थित अखाड़े के मुख्यालय से राम बाग फ्लाई ओवर होता हुआ निकला। प्रवेश यात्रा में आगे अखाड़े में इष्ट देवता भगवान चंद्र देव की पालकी चल रही थी। उसके बाद अखाड़े में रमता पंच थे। यात्रा में मौजूद बड़ी संख्या में ध्वज और पताकाओं ने इसे और मनमोहक बना दिया। इन सबके साथ भारत की शान तिरंगे झंडे को भी इसमें स्थान दिया गया था। तिरंगे की 130 फीट लंबी पट्टिका भी प्रवेश यात्रा के साथ चल रही थी। यात्रा के दौरान शुरू हुई रिमझिम बारिश ने भी उत्साह में कोई बाधा नहीं डाली। यात्रा में पहली बार अयोध्या के श्री राम मंदिर का मॉडल भी झांकी के रूप में शामिल हुआ।

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