बरेली में पिता और पुत्र को फांसी की सजा
बरेली। बरेली जिले में हत्या के मामले में पिता और पुत्र को अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट ) प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने आज फांसी की सजा अपराहन सुनाई है। जमीन विवाद में भाई ने की बेटे के साथ मिलकर सगे भाई चरन सिंह की हत्या 20 नबम्बर 2014 को कर दी थी। दोनो आरोपियो पर कोर्ट ने एक -एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट ) प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने आदेश में कहा है कि सिद्धदोषी रघुवीर सिंह एवं मोनू उर्फ तेजपाल सिंह थाना बहेड़ी, बरेली, अंतर्गत धारा 302 सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 के अपराध हेतु मृत्युदंड एवं प्रत्येक सिद्धदोषी को एक-एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड का भुगतान न होने की स्थिति में सिद्ध दोषी को पाँच-पाँच वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सिद्धदोषों को फॉसी के फन्दे पर तब तक लटकाया जाय, जब तक कि उनकी मृत्यु न हो जाय। सिद्धदोषी मोनू उर्फ तेजपाल सिंह को थाना-बहेड़ी, बरेली, अंतर्गत धारा 25 आयुध अधिनियम, 1959 के अपराध हेतु पाँच वर्ष के कारावास की सजा और रूपये दस हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। उपरोक्त अर्थदण्ड अदा न किये जाने की दशा में अभियुक्त को चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सिद्धदोषों की जेल में बितायी गयी अवधि को उनकी मूल सजा में समायोजित किया जायेगा तथा सभी सजायें साथ-साथ चलेंगीं।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) दिगम्बर सिंह व सौरभ तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया है कि सिद्धदोषों के द्वारा सम्पत्ति के लालच में मृतक चरन सिंह की निर्मम हत्या की गयी। मृतक चरन सिंह को पहले सिद्धदोष मोनू उर्फ तेजपाल सिंह ने दो गोली सीने पर मारी फिर उसके पिता सिद्धदोष रघुवीर सिंह ने फरसे से मृतक चरन सिंह का गला काटकर हत्या कर दी। मृतक चरन सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट होता है कि सिद्धदोषों द्वारा सम्पत्ति के लालच में पशुवत एवं निर्मम तरीके से हत्या की गयी है। मृतक चरन सिंह पर पहले अभियुक्तगण द्वारा सीने पर नाजायज तमंचे से दो गोली मारी गयीं और फिर फरसे से उनकी गर्दन पशुवत तरीके से काटकर लगभग शरीर से अलग कर दी गयी।
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