पेट के बल लेटकर कलक्ट्रेट पहुंचे किसान, डीएम ने की वार्ता
आगरा। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शुक्रवार को किसान कलक्ट्रेट में पेट के बल लेटकर पहुंचे। काफी देर तक वह पेट के बल लेटे रहे। प्रशासन के खिलाफ उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की। उनका अनूठा प्रदर्शन सुर्खियों में छाया रहा। इस दौरान डीएम ने किसानों के प्रतिनिधियों से वार्ता भी की। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भरोसा देकर आंदोलन खत्म करने का अनुरोध किया। किसानों ने कल बैठक कर अपने फैसले से अवगत कराने को कहा है।
- सहकारी समितियां में हुए घोटाले को लेकर किसान काफी आक्रोशित हैं
- 20 दिन से आंदोलन चल रहा, किसान नेता की तबीयत बिगड़ चुकी है
सहकारी समितियों में हुए घोटाले को लेकर किसान काफी आक्रोशित हैं। किसानों का आरोप है कि सहकारिता विभाग में जिले की 21 सहकारी समितियों के गोदामों के निर्माण में 4.12 करोड रुपए का घोटाला हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। 20 दिनों से उनका आंदोलन जारी है, लेकिन अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं।
मुख्य विकास अधिकारी ने तो उनकी बात भी नहीं सुनी। धरने के दौरान किसान नेता श्याम सिंह चाहर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल कॊलेज की आईसीयू में भी भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन के दौरान वह सीधे धरनास्थल पर पहुंचे। किसान नेता श्याम सिंह चाहर का कहना है, जब तक प्रशासन सहकारिता विभाग के भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करेगा आंदोलन जारी रहेगा।
पेट के बल लेटकर जिला मुख्यालय पहुंचने वालों का नेतृत्व किसान नेताचौधरी दिलीप सिंह, छीतरिया रामेश्वर तोमर कर रहे थे। सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान ने किसानों को बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय से जा चुके हैं, लेकिन किसान जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी से मिलने की जिद पर अड़े रहे। काफ़ी जद्दोजहद के बाद जिलाधिकारी ने अपने कार्यालय में किसानों के प्रतिनिधिमण्डल को बुलाकर वार्ता की और दोषियों पर सख्त कार्यवाही का भरोसा दिलाकर आंदोलन समाप्त करने का अनुरोध किया। किसानों ने कहा है कि कल धरनास्थल पर बैठक कर फैसले से अवगत कराएंगे।
विकास भवन पर सहकारिता विभाग में भ्रष्टाचार के विरुद्ध किसानों के धरने को आज 20वां दिन था जबकि किसान नेता श्याम सिंह चाहर के आमरण अनशन का 18वां दिन।
धरना और प्रदर्शन में धीरज सिकरवार, सत्यवीर सिंह चाहर, रामू चौधरी, अरविन्द चौधरी, नागेंद्र फ़ौजी, हरवीर सिंह सरपंच प्रदीप फौजदार, विशम्बर सिंह, विनोद फौजदार, लाखन सिंह, दीपू चाहर, यशपाल सिंह, राजा सिंह, नरेन्द्र फौजदार, गुड्डू सिंह चाहर, कुलदीप सिंह, शिव सिंह, प्रदीप शर्मा, भरत कुशवाह, पप्पू कोली, रामेश्वर तोमर आदि शामिल थे।
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