संगीत सम्मेलन जेपी सभागार में 14 से, आएंगे ख्याति प्राप्त संगीतज्ञ

  आगरा। पं. रघुनाथ तलेगांवकर फ़ाउंडेशन ट्रस्ट एवं महिला प्रकोष्ठ, डॊ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में संगीत कला केन्द्र एवं प्राचीन कला केन्द्र, चंडीगढ़ के सहयोग से आयोजित अखिल भारतीय महर्षि पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर संगीत सम्मेलन का आयोजन 14 एवं 15 दिसम्बर को खंदारी स्थित विवि के जेपी सभागार में आयोजित किया जा रहा है।

Dec 12, 2024 - 20:31
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संगीत सम्मेलन जेपी सभागार में 14 से, आएंगे ख्याति प्राप्त संगीतज्ञ

ट्रस्ट की सचिव प्रतिभा केशव तलेगांवकर ने बताया कि द्वि-दिवसीय निनाद महोत्सव में तीन सभाओं के अंतर्गत भारत के नवोदित एवं प्रतिष्ठित कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति देंगे | 14 दिसंबर सायं 5 बजे विवि की कुलपति प्रो आशु रानी समारोह का उदघाटन करेंगी। प्रथम सत्र सबरस संगीत संध्या सुलभा  तलेगांवकर को समर्पित होगी | जिसमें पद्मभूषण अजय चक्रवर्ती के शिष्य ब्रजेश्वर मुखर्जी शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे।सहयोगी कलाकार महमूद खां तबला एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी पर संगत करेंगे।

 

द्वितीय प्रस्तुति लखनऊ घराने के नवोदित युगलवृन्द‌ अनुज मिश्रा और नेहा सिंह मिश्रा कथक नृत्य युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे | सहयोगी कलाकार विकास मिश्रा तबला, अरविंद मसीह सितार एवं पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी‌ पर संगत देंगे।

 

15 दिसम्बर को प्रातः9 बजे नाद साधना प्रातः कालीन संगीत सभा संगीत समीक्षक डा. मुकेश गर्ग को समर्पित होगी | इस सभा के मुख्य अतिथि बाबा प्रीतम सिंह होंगे। सभा में जयपुर की डा. उमा विजय एवं उनके शिष्य वृन्द पं. रघुनाथ तलेगांवकर की जन्मशती के अवसर पर पंडित जी द्वारा रचित आदि भैरव और उसके प्रकार की प्रस्तुति देंगे। सहयोगी कलाकार‌ हेमेन्द्र गुप्ता संवादिनी‌ एवं डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबला संगति करेंगे।

तदोपरांत मृदंग महर्षि  स्वामी पागल दास महाराज के प्रमुख शिष्य डा. संतोष नामदेव पखावज वादन प्रस्तुत करेंगे। तत्पश्चात सेनिया-मैहर घराने के देवाशीष एवं देवादित्य चक्रवर्ती गिटार-सितार युगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार डॉ हरिओम हरि तबले पर साथ होंगे।

 

निनाद महोत्सव की समापन सभा सायं 5 बजे गुरु एमएल कौसर‌ को समर्पित होगी।जिसमें  संगीत मनीषीयों एवं संस्कृति संरक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्य अतिथि पारीक फाउंडेशन के संस्थापक राधेश्याम पारीक होंगे। समापन सत्र में ग्वालियर घराने के प्रमुख कलाकार प्रो. जयंत खोत शास्त्रीय गायन प्रस्तुत करेंगे। सहयोगी कलाकार पं. रवींद्र तलेगांवकर संवादिनी‌ डा. लोकेन्द्र तलेगांवकर तबले पर संगत करेंगे।

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