फंक्शनल होने से पहले ही एयरपोर्ट के वेटिंग लाउंज की फाल्स सीलिंग लटकी

आगरा। 6,89 करोड़ की लागत से बना एयरपोर्ट का यात्री लाऊंज उद्घाटन से पहले ही बिखरने लगा है। यात्री लाऊंज के नाम पर बनाकर खडा किया गया स्ट्रक्चर का निष्प्रोज्य पडा हुआ है। इसके निर्माण की क्वालिटी भी सवालों के घेरे में आ गई है क्योंकि पिछले मानसून की पहली बरसात में ही इसकी फाल्स सीलिंग में से अधिकांश लटक गई है। स्ट्रक्चर भी जगह-जगह छतिग्रस्त हो गया है। छत से पानी टपकने के जो चिन्ह मौजूद हैं, उन्हे देखकर लगता है कि पूरी बरसात छतों से पानी टपकता रहा है।

Dec 13, 2024 - 13:18
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फंक्शनल होने से पहले ही एयरपोर्ट के वेटिंग लाउंज की फाल्स सीलिंग लटकी
सिविल एयरपोर्ट के लिए बनाया गया वेटिंग लाउंज, जो शुरु होने से पहले ही क्षतिग्रस्त होने लगा है।

-6.89 करोड़ की लागत से बना है यह लाउंज, निर्माण पहली बरसात में ही क्षतिग्रस्त

 

सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधिमंडल ने इसका खुलासा करते हुए लाउंज के स्ट्रैक्चर के कमजोर होने पर चिंता व्यक्त की है। साथ ही नागरिक प्रशासन की किसी भी उपयुक्त एजेंसी से इसका इंस्पेक्शन करवाने की अपेक्षा की है। सोसायटी का मानना है कि यह अत्यंत निम्न स्तर का निर्माण है। यात्रियों के प्रतीक्षा कक्ष (वेटिंग लाउंज) के रूप में इसका तभी इस्तेमाल किया जाना चाहिए जब कि मूल प्लान के अनुसार इसकी मजबूती सुनिश्चित हो जाये।

 

सोसाइटी सदस्यों का कहना है कि यात्री प्रतीक्षा गृह को यात्रियों को होने वाली असुविधाओं को दूर करने के लिये प्रस्तावित किया गया था किंतु लगता है कि इसका संचालन शुरू होने के साथ ही असुविधाऐं और बढ़ जायेंगी। यह स्ट्रक्चर वायुसेना परिसर की बाउंड्री में अर्जुन नगर गेट से लगभग 150 मीटर अंदर है। वायुसेना की ओर से यहां तक टूरिस्ट बसों, यात्रियों और उनके वाहन बिना चेकिंग के आने जाने पर किसी भी प्रकार की उदारता नहीं दिखाई गई है। फलस्वरूप वायुयान यात्रियों को आवागमन के लिये सीधे एयरपोर्ट एनक्लेव आने-जाने में एयरफोर्स की चेकिंग की व्यवस्था पर कोई अंतर नहीं पडेगा।

 

दो-दो बार चेकिंग से गुजरना पड़ेगा

जानकारी के अनुसार यात्रियों के लिए यह लाऊंज जब चालू हो जायेगी तब निर्धारित निर्धारित मानक प्रक्रिया के अनुसार यात्री अर्जुन नगर गेट पर उतरेंगे और विजिटर्स लाउंज तक पैदल जाएंगे। आगंतुकों के सामान और व्यक्तिगत तलाशी सीआईएसएफ द्वारा की जाएगी। एक बार जब वे सिविल टर्मिनल पहुंच जायेंगे तब फिर से यात्री सामान और व्यक्तिगत तलाशी ली जाएगी। जो यात्री या उनके होस्ट वाहन लेकर आयेंगे उन्हे वायुसना परिसर में वाहन प्रवेश संबधी प्रक्रिया का पालन करना होगा।

 

एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी और टूरिज्म ट्रेड से जुड़े संगठनों की मांग पर बने इस लाउंज से आगरा आने-जाने वाले हवाई यात्रियों को कितना लाभ मिल सकेगा, यह तो लाऊंज के फंक्शन होने पर ही मालूम हो सकेगा, लेकिन प्रथम दृष्टया इसका उपयोग शुरू होने के साथ ही सिविल एन्क्लेव तक यात्रियों का आना-जाना देश के किसी भी नागरिक हवाई अड्डे की तुलना में कहीं अधिक जटिल हो जायेगा।

 

लीज रेंट का भार

 जो जानकारी मिली हैं,उनके अनुसार सिविल एन्क्लेव आगरा को लगभग 14.70 लाख लीज रेंट इस स्ट्रक्चर के लिए देना पड रहा है। इलेक्ट्रिसिटी और वाटर सप्लाई संबधी नियमित खर्चे और हैं। कागजी तौर पर आगंतुक लाउंज जनवरी, 2024 से परिचालन के लिए तैयार था।

 

सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा का कहना है कि जब लाऊंज बना है तो उसे फंक्शनल किया जाये। लगभग नौ करोड अब तक इस पर खर्च आ चुका है। आगरा के जनप्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाकर इसकी मरम्मत शीघ्रता के साथ करवाने की मांग उठानी चाहिये।

 

सोसायटी के सेक्रेटरी अनिल शर्मा के अनुसार सोसायटी के द्वारा ही लाउंज बनाये जाने का सुझाव एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों को दिया जाता रहा था। सोसायटी एयरकार्गो और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस के एयरलिफ्ट करने की योजना को आगरा में प्रभावी बनाये जाने के लिये भी यह जरूरी मानती थी। एक एयरलाइंस ने अपना कार्गो डिपो तो जरूर अर्जुन नगर में बना लिया जो कि अब तक फंक्शनल है, लेकिन लाउंज के मामले में तो एयरपोर्ट अथॉरिटी और एयरपोर्ट एडवाइजरी कमेटी के दिशा निर्देशन में ही कार्य होना था।

 

जनप्रतिनिधियों की जानकारी में लाएं

 एयरपोर्ट डायरेक्टर से मुलाकात कर सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने यात्री लाउंज को यथा शीघ्र चालू करवाने की मांग की। सोसायटी ने आग्रह किया कि जन प्रतिनिधियों और सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के जिला और महानगर अध्यक्षों को बुलाकर वस्तुस्थिति से अवगत करवायें। सोसाइटी वायुसेना परिसर स्थित लाउंज तक यात्रियों और उनके वाहनों को बिना किसी चेकिंग के आने जाने की सुविधा दिलवाने का मुद्दा रखें। निश्चित रूप से जनप्रतिनिधि अगर प्रयास करेंगे तो समस्या का समाधान हो ही जाएगा। सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल में पूर्व पार्षद डा शिरोमणि सिंह, वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा और फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी शामिल थे।

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SP_Singh AURGURU Editor