इनपुट टैक्स क्रेडिट के इनवायस को स्वीकार या अस्वीकार करने की सुविधा 15 अक्टूबर से

जीएसटी में पोर्टल पर इनवायस मैनेंजमेंट सिस्टम से खऱीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के इनवायसेज को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने की सुविधा आगामी 15 अक्टूबर से जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध होने जा रही है।

Oct 1, 2024 - 12:12
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इनपुट टैक्स क्रेडिट के इनवायस को स्वीकार या अस्वीकार करने की सुविधा 15 अक्टूबर से


माल और सेवाकर प्रणाली एक जुलाई, 2017 से लागू एवं प्रभावी की गयी है। जीएसटी लागू करते समय पंजीकृत क्रेता व्यापारियों द्वारा आईटीसी लाभ प्राप्त करने हेतु जीएसटीएन पोर्टल पर तीन सुविधाओं का वायदा किया गया था। 

पहले वायदे के अनुसार विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटीआर-1 में अपने पंजीकृत व्यापारियों को की गयी बिक्री की सूची भी अपलोड की जानी थी। इस सूची से क्रेता व्यापारी के फार्म-2ए/2बी में आईटीसी प्रदर्शित होने लगेगी। उस समय यह प्रस्तावित किया गया था कि इस प्रदर्शित हो रही आईटीसी के आंकड़े सही होने के जांचने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

क्रेता व्यापारी उन आंकड़ों को एडिट (संशोधित) कर सकेगा अथवा स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकेगा। ऐसा करने पर संशोधित अथवा विश्लेषित विवरण विक्रेता को अपने पोर्टल पर प्रदर्शित होने लगेगा। क्रेता के इस कार्य को यदि विक्रेता व्यापारी सही मानकर स्वीकार कर लेता है तब यह संशोधित आंकड़ा क्रेता के फार्म-2ए में संशोधित रुप से प्रदर्शित होने लगेगा। 

इस कर प्रणाली से आईटीसी से सम्बन्धित इनवायसों की दोनों पक्षों द्वारा स्वीकारोक्ति होगी, किन्तु यह व्यवस्था वास्तविक रुप में लागू न हो सकी, लेकिन पिछले सात सालों से जीएसटीआर-1 अपलोड कराया जाने लगा। परिणामस्वरुप क्रेता व्यापारी के फार्म-2ए में वही आंकड़े प्रदर्शित होने लगे, परन्तु विक्रेता व्यापारी जीएसटीआर-1 को रिवाईज करने अथवा क्रेता व्यापारी को एडिट (संशोधित) करने की सुविधा वापस ले ली गई। इस कारण विवादित मामले बढ़ते चले गये। 

अब सात वर्षों के लम्बे अन्तराल के बाद जीएसटीआरएन पोर्टल ने नया फार्म जीएसटीआर-1ए उपलब्ध कराया गया है। इस फार्म में यह सीमित समय की सुविधा दी गयी है। विक्रेता व्यापारी द्वारा जीएसटीआर-1 अपलोड करने के उपरान्त यदि इसमें कोई त्रुटि प्रकाश में आती है तब उस टैक्स पीरिएड में इस जीएसटीआर-1ए में भूल सुधार कर जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की देय तिथि से पूर्व अपलोड करेगा। 

तब जीएसटीआर-1 के संशोधित आंकडे़ विक्रेता व्यापारी के जीएसटीआर-3बी में आटो पापुलेट हो जाएंगे। विक्रेता द्वारा जीएसटीआर-3बी दाखिल करना सरल व सुविधाजनक हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि जीएसटीआर-1 को रिवाईज करने की यह सुविधा मात्र नौ (9) दिनों के लिये उपलब्ध करायी गयी है। कारण जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की देय तिथि अगले माह की बीस तारीख है।

अब जीएसटीएन पोर्टल द्वारा व्यापारियों को इनवायस मैनेजमें सिस्टम जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सुविधा 15 अक्टूबर, 2024 से जीएसटीएन पोर्टल पर उपलब्ध होगी। इस सुविधा के तहत टैक्स इनवायस प्राप्तकर्ता अर्थात क्रेता व्यापारी सम्बन्धित इनवायस को विश्लेषित कर सकता है। उस जीएसटी आर-2बी में प्रदर्शित इनवायस को स्वीकार/अस्वीकार करना अथवा इग्नोर करने की सुविधा प्रदान की जा रही है ताकि जीएसटी औपचारिकताओं का सहजता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। 

इस प्रकार दावा जीएसटीएन पोर्टल द्वारा किया जा रहा है, किन्तु इन आंकड़ों को एडिट करने की सुविधा प्रदान नहीं की जा रही है। इस सुविधा से क्रेता पंजीकृत कारोबारी आईटीसी से सम्बन्धित अपनी इनवायस को अपने अभिलेख से मिलान कर उसके सही होने की जांच कर सकता है ताकि गलतियां एवं त्रुटियां कम हो सकें। इस कारण यह सुविधा प्रदान की गयी है।

यह भी व्यवस्थित किया गया है कि ऐसा करना व्यापारी के लिये अनिवार्य भी नहीं है, किन्तु गलत विवरणों को एडिट करने की सुविधा न होने के कारण व्यापारियों को सही मायने में राहत नहीं है। यदि व्यापारी जीएसटीआर-1 के इस डाटा को ‘इनवायस मैनेजमें सिस्टम’ में कुछ भी नहीं करता है तब माह की 15 तारीख को जीएसटीआर-2बी विक्रेता व्यापारी द्वारा अपलोड किये जीएसटीआर-1 के अनुसार प्रदर्शित होने लगेगा।

इस सुविधा से क्रेता व्यापारी को जीएसटीआर-3बी में अपनी सही आईटीसी का दावा कर सकेगा।  इनवायस मैनेजमेंट सिस्टम जीएसटीएन पोर्टल के होम पेज पर डिस्प्ले होगा जिसमें सर्विस रिटर्न व इनवायस मैनेजमें सिस्टम के विकल्प होंगे। इनवर्ड सप्लाई के बटन पर क्लिक करने पर यह दिखायी देगा। यह सुविधा क्रेता पंजीकृत व्यापारियों को अपने आईटीसी के सही दावे एवं इनवायस को स्वीकार या अस्वीकार करने की सुविधा प्रदान कर रहा है। 

अस्वीकार करने पर यह जीएसटीआर-1 से समाप्त होगी। परिणामस्वरुप क्रेता के फार्म-2बी में नहीं प्रदर्शित होगी। इनवायस को एडिट करने की सुविधा न प्रदान करने से सही मायने में यह सुविधा उपयोगी साबित नहीं होगी।

-पराग सिंहल, आगरा।

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