भले राजे रजबाड़े न रहे हों, ब्रह्मलाल मंदिर की दौज पूजा आज भी भदावर परिवार ही करता है
आगरा। भले ही अब राजे रजबाड़े नहीं हैं, लेकिन कुछ परंपराएं अब भी रजबाड़ों के समय की कायम हैं। जैसे कार्तिक पूर्णिमा के बाद बटेश्वरनाथ तीर्थधाम में होने वाली दौज पूजा आज भी भदावर राजवंश ही करता है। ब्रह्मलाल की दौज पूजा की पूजा भदावर राज परिवार सदियों से करता चला आ रहा है। इसी परंपरा को निभाते हुए पूर्व राजा महेंद्र अरिदमन सिंह ने आज बटेश्वर धाम पहुंचकर ब्रह्मलाल की पूजा अर्चना की।
-बटेश्वरनाथ में दौज पूजा की सदियों पुरानी परम्परा अरिदमन सिंह ने निभाई, सवा मन चावल से भोले के अभिषेक
पूजा अर्चना के दौरान पूर्व मंत्री के साथ बड़ी संख्या में मौजूद रहे समर्थकों के हर-हर महादेव के नारों से मंदिर परिसर गूंजता रहा।
ये है मान्यता
भदावर राज परिवार राजा बदन सिंह के समय से ब्रह्मलाल शिव मंदिर में दौज पूजा करता चला आ रहा है। ऐसी मान्यता है कि भदावर राज परिवार जब सवा मन चावल शिवलिंग पर अर्पित करता है तो शिवलिंग ढंक जाता है जबकि कोई अन्य व्यक्ति सवा मन चावल अर्पित करे तो शिवलिंग ढंकता नहीं है। दौज पूजा के दिन यमुना में शाही स्नान की भी परम्परा है। इस क्रम में रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यमुना में डुबकी लगाकर ब्रह्मलाल की पूजा की। दौज पूजा के दो-तीन बाद ही लोक मेले का समापन हो जाता है।
पांटून पुल देखने भी पहुंचे अरिदमन
लोक मेले की दौड़ प्रतियोगिता के बाद पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह भदावर ने पिनाहट घाट पहुंचकर बीते शाम शुरू हुए पौंटून पुल को भी देखा। एक महीने देरी से बने इस पुल को देखने के बाद राजा भदावर ने ठेकेदार और उनके कर्मचारियों के काम को सराहा।
बता दें कि यह पौंटून पुल क्षेत्रीय विधायक रानी पक्षालिका सिंह भदावर के हस्तक्षेप के बाद तैयार हो सका है। पुल निर्माण में देरी होने से यूपी और एमपी के 200 गांवों के लोगों को डेढ़ सौ किलोमीटर का फेरा लगाकर गंतव्य तक पहुंचना पड़ता था।