स्टिलबर्थ सोसाइटी के हैदराबाद घोषणापत्र में मृतजन्म को कम करने पर जोर
-बृज खंडेलवाल- अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के प्रोफेसर तमकिन खान द्वारा स्थापित स्टिलबर्थ सोसाइटी ऑफ इंडिया (एसबीएसआई) ने हैदराबाद घोषणापत्र जारी किया है। यह भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूएनएफपीए सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ विचार-विमर्श के बाद किया गया एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसमें देश भर में स्टिलबर्थ (मृतजन्म) को कम करने के लिए कार्रवाई योग्य रणनीतियों पर जोर दिया गया है।
प्रो. खान ने कहा कि उपरोक्त घोषणापत्र का अनावरण सोसाइटी के दूसरे वार्षिक सम्मेलन के दौरान किया गया, जो हैदराबाद के पार्क होटल में आयोजित किया गया था। इसमें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. जेसन गार्डोसी, स्वास्थ्य मंत्रालय, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ, यूएनएफपीए और एफओजीएसआई के प्रतिनिधियों और शोक संतप्त माता-पिता सहित 296 प्रतिनिधि और 43 संकाय सदस्य शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन में उनके नेतृत्व में शोक परामर्श पर एक प्रभावशाली कार्यशाला शामिल थी, जिसमें करुणामय देखभाल के लिए रणनीतियां प्रदान की गईं। "अस्पष्टीकृत स्टिलबर्थ" पर एक पैनल आयोजित किया गया तथा 2030 तक प्रति 1,000 जन्मों पर 10 से कम स्टिलबर्थ के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीतियां बनाई गईं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियों के साथ स्टिलबर्थ की रोकथाम पर शोध प्रदर्शित किया गया।
इसके साथ ही पैनल चर्चा "महिलाओं की आवाज" में नुकसान की मार्मिक कहानियों पर चर्चा की गई, शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता को बढ़ावा दिया गया तथा कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
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