थायराइड कैंसर के मरीजों में 80 प्रतिशत महिलाएं, उत्तर भारत में पित्त की थैली का कैंसर बढ़ रहा
आगरा। आगरा में चल रही एसीकॊन 2024 में भाग लेने केरल से आए डॉ. प्राजन ने बताया कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन से थायराइड की समस्या बढ़ी है। अनुवांशिक कारण से नवजात में भी थायराइड कैंसर के मामले मिल रहे है। जिन लोगों में थायराइड के कैंसर की समस्या है वे परिवार के सदस्यों की जेनेटिक प्रोफाइल करा लें जिससे कि समय से कैंसर होने का पता चल सकता है।
ज्यादा शराब पीने से पैंक्रियाज में सूजन-डॊ. शिंदे
एमजेएम मेडिकल कालेज, औरंगाबाद के डॉ. राजेंद्र शिंदे ने बताया कि अत्यधिक शराब पीने से लिवर से ज्यादा नुकसान पैंक्रियाज को हो रहा है। इससे पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है। इसका कोई इलाज नहीं है। उन्होंने कहा कि इंसुलिन बनना कम हो जाता है। इसके ठीक ना होने पर शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होने लगते हैं और मरीज मल्टीपल आर्गन फेल्योर में चला जाता है। इससे मौत तक हो जाती है।
उत्तर भारत में एक लाख में छह को पित्त की थैली का कैंसर-डा. पुनीत
वाराणसी से आए डॉ. पुनीत ने बताया कि उत्तर भारत में पित्त की थैली और कैंसर की समस्या ज्यादा है। एक लाख लोगों में छह में पित्त की थैली का कैंसर मिल रहा है। इस क्षेत्र में पानी में हैवी मैटेरियल है। खानपान के कारण भी समस्या बढ़ रही है। पित्त की थैली के कैंसर की सर्जरी में लिवर का हिस्सा भी निकाल दिया जाता है।
मीनोपॊज के भ्रम में बढ़ रहे रसौली के मामले-डॊ. नूतन जैन
आगरा। एसीकॊन में भाग लेने आई मुजफ्फेरनगर की डॉ. नूतन जैन ने बताया कि लगभग 45-52 वर्ष की उम्र में मीनोपॉज के कारण ब्लीडिंग होने का भ्रम रसौली के मामलों में इजाफा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि ज्यादातर महिलाएं इस उम्र में अधिक ब्लीडिंग को इस कारण नजरअंदाज कर देती हैं कि यह मीनोपॉज के कारण हैं। वहीं मल्टीपल साथी और असुरक्षित सेक्स के कारण युवा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसल के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चेदानी के कैंसर का मुख्य कारण हार्मोनल डिसआर्डर है, जिसकी वजह महिलाओं का शारीरिक श्रम से लगातार दूर होना है।
डॉ. नूतन ने बताया कि घर के काम खुद करने वाली महिलाओं में अपेक्षाकृत हार्मोनल डिसर्आडर कम देखने को मिलते हैं। अक्सर महिलाएं वजन बढ़ने पर घर के काम काज करने के बजाय जिम जाना ज्यादा पसंद कर रही हैं, लेकिन जिम में तेजी के साथ घटाया गया वजह जिम छोड़ने पर उतनी ही तेजी के साथ बढ़ता भी है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक है।
उन्होंने कहा कि घर के काम करने से बेहतर कोई व्यायाम नहीं है। कहा कि मोबाइल को जितना सम्भव हो सके अपने शरीर से दूर रखें और सोते समय तो अपने पास मोबाइल कतई न रखें।
What's Your Reaction?