डा रजत कपूर को स्पोर्टस इंजरी पर पेश किए शोधपत्र पर मिला एमपी गोल्ड मेडल
आगरा में हुई सेंट्रल जोन की आर्थोपेडिक काफ्रेंस में डा. रजत कपूर को स्पोर्टस इंजरी में लिगामेंट रिकंस्ट्रक्शन एंड ग्राफ्टिंग पर पेश शोधपत्र के लिए गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
आगरा। आगरा में चल रही तीन दिन की 23वीं इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन सेंट्रल जोन की एनुअल कांफ्रेंस में डा. रजत कपूर को स्पोर्ट्स इंजरी पर पेश किए गए रिसर्च पेपर पर एमपी गोल्ड मेडल दिया गया है। गौरतलब है कि सेंट्रल जोन में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, झारखंड तथा छत्तीसगढ़ आते हैं।
तीन दिनों तक चली इस कांफ्रेंस में इन राज्यों से आए चिकित्सकों ने आर्थोपेडिक सर्जरी में आ रहे बदलावों तथा नयी नयी तकनीक की जानकारी एक दूसरे से साझा की।
डा. रजत कपूर ने बताया कि जैसे जैसे वाहन बढ़े हैं। उसके साथ ही रोड एक्सीडेंट की संख्या बढ़ गई है। इन एक्सीडेंट में घायल मरीज के साधारण फ्रेक्चर नहीं होता। कई बार जांघ की हड्डी के साथ कूल्हे की हड्डी में भी फ्रेक्चर होता है। कई बार घुटनों में कई फ्रेक्चर होते हैं। इस तरह के मल्टीपल फ्रेक्चर वाले एडवांस ट्रोमा पर भी कांफ्रेंस में चर्चा की गई।
एसएन मेडीकल कालेज में स्पोर्टस इंजरी को शुरू करने वाले डा. रजत कपूर ने बताया कि स्पोर्टस इंजरी का आसानी से पता नहीं चलता। क्योंकि व्यक्ति चलने तो लगता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को तो इसकी जानकारी हो जाती है किंतु स्टेट लेबल जिला लेबल आदि के खिलाड़ियों को स्पोर्टस इंजरी हो भी जाए तो पता नहीं चलती। ऐसे में वे कोई इलाज नहीं करवाते। आठ नौ माह बाद जब परेशानी बढ़ जाती है तब चिकित्सक की सलाह लेते हैं।
डा. रजत कपूर को जिस शोधपत्र के लिए गोल्ड मेडल दिया गया वह भी स्पोर्टस इंजरी से संबंधित था। डा. कपूर ने एक मरीज जिसका घुटने का लिगामेंट उखड़ गया था। उसके लिए घुटनों के पास के धागों को पिरोकर एक नया लिगामेंट रीकंस्ट्रक्ट किया तथा दूरबीन विधि से उसे ग्राफ्ट किया। साथ ही लगभग दो साल तक उस मरीज का फालोअप भी किया। मरीज का घुटना बिल्कुल सही ढंग से काम करने लगा था।
डा. कपूर ने इसी केस स्टडी को अपने शोधपत्र में प्रस्तुत किया था, जिसके लिए उन्हें एमपी गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
बता दें कि डा. रजत कपूर शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी व समाजसेवी शोकी कपूर के पुत्र हैं। यहां यह तथ्य भी गौरतलब है कि अभी तक शहर में स्पोर्टस इंजरी के विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी थी। एसएन मेडीकल कालेज में डा. रजत कपूर के प्रयास से स्पोर्टस इंजरी में काम शुरू हुआ है। इसका फायदा शहर के सभी खिलाड़ियों को मिल सकेगा।
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