डॊ. अनुराग शुक्ल के खिलाफ शासन की तहरीर भी विवेचना में शामिल
आगरा। आगरा कॊलेज के प्राचार्य पद से हटाए जा चुके डॊ. अनुराग शुक्ल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए शासन की ओर से दी गई तहरीर भी पहले से दर्ज मुकदमे से अटैच कर विवेचना में शामिल कर ली गई है। उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर आगरा के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा थाना लोहामंडी में यह तहरीर द गई थी।
-उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने दी थी लोहामंडी पुलिस को दी थी तहरीर
जिस दिन सीजेएम कोर्ट से मुकदमे के आदेश हुए थे, उसी दिन डॊ. अनुराग शुक्ल आगरा से बाहर चले गए थे। लगभग 40 दिन बाद तभी वापस लौटे थे जब उन्हें हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी पर स्टे मिल गया। इसके बाद डॊ. शुक्ल ने फिर से कुछ समय तक प्राचार्य पद का दायित्व संभाला था।
बाद में उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग ने डॊ. शुक्ल का अभ्यर्थन शून्य कर दिया था। इसके कुछ समय बाद उच्च शिक्षा निदेशक ने डॊ. अनुराग शुक्ल की प्राचार्य पद से सेवाएं समाप्त कर प्राचार्य पद की आसन व्यवस्था रिक्त घोषित कर दी थी।
पिछले महीने ही उच्च शिक्षा निदेशक के आदेश पर आगरा के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॊ. अनुराग शुक्ल द्वारा आयोग में लगाए गए दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए अलवर की सनराइज यूनिवर्सिटी गए थे। सनराइज यूनिवर्सिटी ने उच्च शिक्षा अधिकारी को लिखकर दिया था कि डॊ. शुक्ल द्वारा लगाए गए उनके यहां के दस्तावेज फर्जी हैं। यही नहीं, यूनिवर्सिटी ने यह भी लिखकर दिया कि उनके यहां से कोई मेल डॊ. शुक्ल को नहीं भेजा गया है।
सनराइज यूनिवर्सिटी की इसी सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी ने थाना लोहामंडी पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी थी। चूंकि डॊ. अनुराग शुक्ल के खिलाफ पहले ही फर्जी दस्तावेजों के संबंध में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हो चुका था और क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी की तहरीर में भी वही आरोप थे जो सुभाष ढल द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में हैं, इसलिए पुलिस ने इस तहरीर को ही पहले वाले मुकदमे की विवेचना में शामिल कर लिया है।
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