डीएम ने दिए सात फैक्ट्री मालिकों पर अभियोजन चलाने के निर्देश
आगरा। शहर की सात फैक्ट्रियों के पिछले छह महीने से आंदोलन कर रहे मजदूरों को गुरुवार को उस समय उम्मीद की एक किरण बंधी जब जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी के स्तर से इन सभी सात फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति प्रदान कर दी गई। समझौते का पालन न करने पर एक फैक्ट्री मालिक के खिलाफ डीएम ने अभियोजन चलाने का निर्देश दिया तो छह अन्य इकाइयों पर बोनस न देने के लिए अभियोजन चलाया जाएगा।
-छह माह से आंदोलनरत श्रमिकों से वार्ता के दौरान डीएम का कठोर एक्शन, बंधी उम्मीद
-ईएसआई और पीएफ के स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ उच्च अधिकारियों को लिखा जाएगा
-समझौता न मानने और बोनस न देने के लिए सीजेएम कोर्ट में अभियोजन चलाएगा श्रम विभाग
छह महीने से छह फैक्ट्रियों के मजदूर संजय प्लेस स्थित शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। बीच-बीच में इन्होंने डीएम, कमिश्नरी पर भी प्रदर्शन कर अपनी आवाज उठाई थी। धनतेरस के दिन इन्होंने आठ घंटे तक कलक्ट्रेट में खाली कनस्तर पीटे थे। पिछले महीने पांच नवंबर को डीएम ने सभी विभागों और फैक्ट्री मालिकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन एक भी फैक्ट्री मालिक नहीं पहुंचा था।
बीते कल ये श्रमिक मंडलायुक्त कार्यालय पर भूख हड़ताल करने पहुंचे थे। मंडलायुक्त के हस्तक्षेप के बाद डीएम ने आज इन श्रमिकों को वार्ता के लिए बुलाया। इस बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में श्रमिकों ने कहा कि श्रम विभाग ने एक फैक्ट्री के साथ उनका समझौता कराया था, जिसे फैक्ट्री मालिक अब मान नहीं रहे हैं, इसलिए इन पर अभियोजन चलाया जाना चाहिए। डीएम के पूछे जाने पर उप श्रमायुक्त ने भी समझौते को न मानने की बात कही। इस पर डीएम ने इस फैक्ट्री मालिक के खिलाफ अभियोजन चलाने के आदेश उप श्रमायुक्त को दिए। श्रम विभाग की ओर से यह अभियोजन सीजेएम कोर्ट में दायर किया जाएगा।
इसके अलावा आदेश के बावजूद श्रमिकों को बोनस न देने पर भी डीएम ने कड़ा रुख़ अपनाया और शेष छह औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ श्रम विभाग को बोनस के मामले में भी अभियोजन चलाने के निर्देश दिए। ईएसआई और पीएफ का पैसा जमा न करने के मामले में ईपीएफ और प्रोविडेंट फंड के अधिकारियों द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर इनके वरिष्ठ अधिकारियों को डीआर भेजने का निर्देश भी डीएम ने दिया।
11 जून से आंदोलनरत सात औद्योगिक इकाइयों के श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने आज कड़े तेवर अपना रखे थे। जिलाधिकारी ने जिन औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ अभियोजन चलाने के निर्देश दिए हैं, इनमें से बैनारा बियरिंग्स एंड पिस्टन्स के मालिक पन्नालाल जैन और फैक्ट्री मजदूरों के मध्य सात मार्च 24 को हुए समझौते का अनुपालन न करने का आरोप है।
इसी प्रकार छह अन्य औद्योगिक इकाईयों जगदीश मेटल्स, बैनारा बेयरिंग्स एंड पिस्टन्स यूनिट की यूनिट 2, विनय आयरन फाउंड्री, बैनारा ऑटोज, बैनरो और गेयरा आदि पर भी मजदूरों को बोनस नहीं देने पर तत्काल अभियोजन चलाने के निर्देश दिए हैं।
किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह ने कहा है कि 11 जून से धरनारत मजदूरों के लंबित प्रकरणों में जिलाधिकारी एक्शन के से मजदूरों को न्याय मिलने की उम्मीद बंधी है।
वार्ता में एडीएम सिटी अनूप कुमार, मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान, उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी , सहायक श्रमायुक्त शगुन तोमर, सहायक श्रमायुक्त संजय कुमार, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुयेश पांडे के अलावा किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह, किसान नेता श्याम सिंह चाहर व श्रमिक विष्णु भगवान शर्मा, रोहन सिंह, विजेंद्र सिंह, ओमप्रकाश बघेल, राजवीर सिंह, राजकुमार शर्मा ,बबलू गोस्वामी, खरग सिंह, कन्हैया लाल आदि मौजूद रहे।
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