साहित्य उत्सव के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण और साहित्यिक धरोहर पर चर्चा
आगरा। शहर में पहली बार आयोजित ताज साहित्य उत्सव-2025 के दूसरे दिन रविवार को पहले दो सत्रों में महिला सशक्तिकरण और दूसरे सत्र में कालजयी व्यक्तित्वों को नमन करने के साथ ही साहित्यिक धरोहर पर चर्चा हुई। साहित्य उत्सव का आज अंतिम दिन है और आज कुल छह सत्र होने हैं। साहित्य उत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
महिला सशक्तिकरणः नई सोच की ओर कदम
साहित्य उत्सव के दूसरे दिन का आरंभ महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित एक प्रेरक सत्र से हुआ। इस परिचर्चा में महिलाओं के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक योगदान पर प्रकाश डाल गया। केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सरकारी योजनाओं का उल्लेख किया।
आईपीएस अधिकारी डॉ. राजश्री सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि समाज में बदलाव की शुरुआत शिक्षा और जागरूकता से होती है। इनके अतिरिक्त मोटीवेशनल लेखिका देविका देवेन्द्र मंगलामुखी एवं डॉ. कुमार मनोज ने ने भी महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने विचारों को रखा।
दूसरे सत्र में साहित्यिक धरोहर पर चर्चा
साहित्य उत्सव का दूसरा सत्र साहित्य और इतिहास के कालजयी व्यक्तित्वों को समर्पित था। मुख्य वक्ता डॉ. शशि तिवारी ने कालजयी रचनाओं की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये रचनाएं समय की सीमाओं को पार कर मानवता को हमेशा प्रेरित करती हैं।
फिल्म निर्देशक और लेख सूरज तिवारी ने कहा कि फिल्में अपने युग के साहित्य का आईना होती हैं। दोनों साथ-साथ चलती हैं। फिल्मों और साहित्य का संबंध बहुत गहरा है। वक्ताओं ने तुलसीदास, प्रेमचंद और महादेवी वर्मा जैसे महान लेखकों की रचनाओं पर चर्चा की और उनके योगदान को आज के संदर्भ में समझने का प्रयास किया। इस सत्र ने साहित्य के श्रोताओं को नई दृष्टि दी और उन्हें प्रेरित किया।
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