VIDEO NEWS : 'हम दिव्यांग हैं पर सिस्टम लाचार है...' स्मार्टफोन, ट्राईसाइकिल दिखाकर दिव्यांगों से ठगी, घिसटते—घिसटते डीएम के दर पहुंचे!
आगरा। स्मार्ट फोन का लालच दिया। 20—20 रूपये की रसीदें काटीं। नेताजी के हाथों मोबाइल दिलाए और मोबाइल लेते हुए फोटो खिंचवाएं। फिर नेताजी के जाते ही मोबाइल वापस ले लिए। साहब हम दिव्यांग हैं, लेकिन सिस्टम लाचार है। ठगी यहीं खत्म नहीं हुई और भी कई तरह से हुई। अच्छे—भले लोगों कम पड़ गए कि अब हमें भी नहीं बख्श रहे। यह कहना है उन दर्जनों दिव्यांगों का जो अपने साथ हुए धोखे की कहानी बयां करने घिसटते—घिसटते डीएम साहब के दर तक आ पहुंचे।
जिले के विकलांगों ने जिलाधिकारी के दर पर दस्तक देकर उन्हें उन लोगों के नाम बताए जो उनके हक पर डाका डाल रहे हैं।
किसान नेता चौधरी दिलीप के नेतृत्व में ये दिव्यांग जब घिसटते-घिसटते जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो उन्हें देख हर कोई द्रवित हो उठा। जिलाधिकारी से मिलकर किसान नेता चौधरी दिलीप सिंह और भारतीय दिव्यांग संग़ठन के अध्यक्ष बॉबी गोला ने उन्हें बताया कि अस्थि विकलांग, दृष्टि बाधित और मूक बधिर के हक पर एलिम्को कानपुर के मैनेजर प्रकाश और आसरा सर्विस सेंटर आगरा के संचालक देवेंद्र कुमार सविता की मिलीभगत से डाका डाला जा रहा है। करोड़ों रुपये का प्रतिवर्ष बन्दरबांट किया जा रहा है।
दिव्यांगों ने बताया कि आसरा का सर्विस सेंटर संचालक घर से ऑफिस को संचालित कर किराये का गोलमाल कर रहा है। स्टाफ के नाम पर दो फर्जी कर्मचारियों क़ो दर्शाकर वेतन का भी खेल किया जा रहा है।
चौधरी दिलीप सिंह और भारतीय दिव्यांग संग़ठन के अध्यक्ष बॉबी गोला ने डीएम को बताया कि सूर स्मारक दृष्टिबाधित विद्यालय कीथम, रुनकता के 55 शिक्षकों और छात्रों क़ो स्मार्ट मोबाइल दिलाने के नाम पर 20 रूपये की फर्जी रसीद काटी गई। आसरा सेंटर पर एक कार्यक्रम में भाजपा के एमएलसी से स्मार्ट फोन दिलाने की फोटो खिंचवाई गई। इसके बाद इन सभी से मोबाइल वापस ले लिए गए जो आज तक नहीं दिए गए हैं।
जिलाधिकारी को बताया गया कि अपने 21 चहेतों के नाम दो से तीन मोटराराइज ट्राईसाइकिल दर्शाकर फर्जीवाड़ा किया गया। शिकायत करने पर टेक्निकल त्रुटि के नाम पर विभाग के अधिकारियों द्वारा दोषी को बचा लिया गया। आगरा कैंट के दृष्टिबाधित श्यामकांत का आसरा के संचालक देवेंद्र कुमार सविता ने रजिस्ट्रेशन 30 जनवरी 24 में किया, लेकिन 09 जनवरी 24 को ही किसी अन्य को स्मार्ट छड़ी दे दी गई।
तहसील बाह के रहने वाले विकलांग अंकित कुमार का 08 नवम्बर 23 को आसरा में रजिस्ट्रेशन किया गया और उसकी मोटराइज ट्राईसाइकिल किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित कर दी गई। शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है।
जिलाधिकारी ने दिव्यागजनों की बात सुनने के बाद सीडीओ, समाज कल्याण अधिकारी और जिला विकलांग अधिकारी की एक संयुक्त जांच कमेटी बनाई और सभी मामलों की गहराई से जांच करने के आदेश दिए हैं।
डीएम से मिलने वालों में चौधरी दिलीप सिंह, बॉबी गोला के अलावा समीना, भगवान दास, गब्बर सिंह, ज्ञान सिंह, श्याम कांत खेमचंद और अन्य दिव्यांग शामिल थे।
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