मैं किसान का बेटा हूं, देश के लिए मर जाऊंगा- धनखड़
नई दिल्ली। राज्यसभा में आज सभापति जगदीप धनखड़ बुरी तरह भड़क गए। विपक्षी दल अडानी के मुद्दे पर शोरशराबा कर रहे थे तभी जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी को संबोधित करते हुए कहा कि ध्यान रखिए आप पूरे दिन 24 घंटे यही काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, कमजोरी नहीं दिखाऊंगा, देश के लिए मर जाऊंगा।
जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं मिट जाऊंगा। आप लोग (विपक्ष) चिंता नहीं करते हैं। 24 घंटे एक ही काम है कि किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है? धनखड़ ने कहा कि मैं पीड़ा महसूस कर रहा हूं। आंखों से देख रहा हूं। मेहरबानी करके कुछ सोचिए। मैंने इज्जत देने में कोई कमी नहीं रखी है। मैंने बहुत बर्दाश्त किया है।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ यहीं नहीं रुके। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि आज किसान केवल खेत तक सीमित नहीं है। आज का किसान हर जगह कार्यरत है। सरकारी नौकरी नौकरी में भी है,उद्योग में भी है। आप मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाए,आपका अधिकार है। इसपर चर्चा हो आपका अधिकार है,आपने क्या किया? संविधान की धज्जियां उड़ा दी। आपके यहां से बयान जारी होता है कि हमारे प्रस्ताव का क्या हुआ? आपका प्रस्ताव आ गया, अब 14 दिन बाद इसपर फैसला होगा।
उपराष्ट्रपति धनखड़ आज सदन में काफी गुस्से में दिख रहे थे। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रमोद जी आप अनुभवी नेता है,आपने क्या-क्या कहा है। इज्जत करता हूं खरगे जी की, 100 प्रतिशत करता हूं, लेकिन इतना अनुरोध करता हूं कि मान्यवर मुझपर कृपा करिए। जो समय आपको ठीक लगे मेरे से मिलने का समय निकालिए मेरे पास नहीं आ सकते हैं तो मैं आऊंगा। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में कमजोर नहीं पड़ूंगा,सबकी सुनूंगा,पूरे दिन सुनूंगा। कमजोर नहीं पड़ूंगा। देश के विरोध में काम नहीं करने दूंगा,किसान के विरोध में काम नहीं करने दूंगा।
इसके बाद जब जगदीप धनखड़ ने सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका दिया तो उनके निशाने पर भी उपराष्ट्रपति ही थे। उन्होंने कहा कि आप पार्टियों के खिलाफ बात करने की कोशिश कर रहे हैं,आपको इस सदन को चलाना है तो नियम के तहत चलाना है। मेरा अनुरोध है मेरा नाम लेकर बार-बार सत्ता पक्ष बोल रहा है,आप चुप्पी साधे हैं। आप किसान हैं तो मैं मजदूर के बेटा हूं। आप नोट मशीन से गिनते थे मेरा बाप मेहनत करके लाता था। बाद में भारी शोर शराबे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
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