प्रीति चौहान के अद्वितीय चित्रों में झलकता है भक्ति और प्रेम
मथुरा। ब्रज की पावन धरा पर आज युवा महिला चित्रकार कु. प्रीति चौहान की तूलिका से बने अद्वितीय चित्र ब्रज संस्कृति को जीवंत कर रहे हैं। प्रीति न केवल एक चित्रकार हैं, बल्कि कला की शिक्षिका भी हैं। ये चित्रों के जरिए ब्रज की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध कर रही हैं।
-बलदेव पब्लिक स्कूल की आर्ट टीचर प्रीति ललित कला अकादमी, सांझी महोत्सव, युवा महोत्सव में कैनवास पर कर चुकी हैं गजब का चित्रांकन
इन्होंने ललित कला अकादमी प्रदर्शनी 2023 में भी भाग लेकर अपनी कला से सभी को परिचय कराया। कॉलेज स्तर पर वर्ष 2017 का सर्वश्रेष्ठ चित्रकार पुरस्कार भी पाया। इससे पूर्व आगरा के युवा महोत्सव में पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेकर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था।
अपने विद्यालय के उत्सवों में भी प्रीति ने समय-समय पर चित्रांकन से अपनी कला प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया है। प्रीति चौहान का कहना है कि चित्रांकन में उनके माता पिता का आशीर्वाद और अपने बलदेव पब्लिक स्कूल की प्राचार्य डॊ. अनीता सिकरवार का संरक्षण मिला हुआ है।
इनके चित्रांकन में ब्रज की आत्मा बसती है। उनके बनाए चित्र जीवंत प्रतीत होते हैं, मानो भगवान श्रीकृष्ण स्वयं उनसे मुखर होकर संवाद कर रहे हों। प्रीति ने अपनी कला के माध्यम से भगवान की छवियों को हूबहू कैनवास पर उकेरा है, जिससे हर दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठता है। इनके हाथों से बनने वाले धार्मिक चित्रों में तकनीकी कुशलता, भक्ति, प्रेम झलकता है।
प्रीति ने रोजमर्रा के जीवन, ब्रज के उत्सव, भक्ति और लोगों व्यक्तित्व को भी कैनवास पर रंगों बखूबी उतारा है। कैनवास पर उकेरे इनके चित्रों में ब्रज के रंग और भाव पूरी गरिमा के साथ दिखायी देते हैं।
एक शिक्षिका के रूप में प्रीति चौहान अपने विद्यालय के बच्चों को कला की शिक्षा दे रही हैं। इनकी कलाकृतियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची चित्रकला वही है, जो अपनी जड़ों से जुड़ी हो और जिसे देखकर दर्शक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा का अनुभव करें।
कला के प्रति कु प्रीति चौहान का योगदान एक प्रेरणा है। ये कला के रूप में ब्रज संस्कृति को संरक्षित रखने का संकल्प ले चुकी हैं। निश्चित रूप से इनके चित्र भविष्य में एक धरोहर के रूप में संजोए रखे जाएंगे।
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