ओढ़न भेष में श्रीहरि के दर्शन कर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
आगरा। सर्दी के साथ भगवान श्री जगन्नाथ का भोग और कपड़े भी बदल गए हैं। आज से तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों के स्थान पर खड़े मसालों से बने गरम तासीर के व्यंजनों का भोग लगना शुरू हो चुका है भगवान श्री जगन्नाथ जी को। वहीं कॉटन व रेशमी पोशाक के स्थान पर गरम कपड़े और फूलों के श्रंगार के स्थान पर साठन व ऊंन की माला व पगड़ी से श्रंगार होना भी शुरू हो गया है।
-श्रीजगन्नाथ जी को संक्रांति तक लगेगा गरम तासीर का भोग, गरम कपड़े भी निकले,
-आज से प्रतिदिन रात 8 बजे ओढन भेष में होगा श्रीजगन्नाथ जी का दर्शन
-फूलों का श्रंगार हुआ बंद, साठन व ऊंन की माला से होगा हर रोज श्रंगार
कमला नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में ओढन षष्ठा महोत्सव के आयोजन के साथ भगवान के परिधान, श्रंगार व भोग का स्वाद बदल गया, जो मकर संक्रांति तक चलेगा। मंदिर में उत्साह और उमंग के साथ ओढन षष्ठी का आयोजन किया गया। सर्दी बढ़ने के साथ बहन सुभद्रा व भाई बलराम संग विराजमान श्रीजगन्नाथ जी की रजाई व गरम वस्त्र भी निकल आए हैं।
आज से प्रतिदिन रात 8 बजे श्रीहरि ओढन भेष में भक्तों को दर्शन देंगे। श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन) के अध्यक्ष अरविन्द प्रभु ने बताया कि आज से भोग में जायफल, जावित्री, काली मिर्च, केसर व गुण का दूध रहेगा। खड़े मसालों से बनी खिचड़ी, मंगौड़े, पकौड़े, हलवा जैसे व्यंजन बनेंगे। सर्दी से बचाव के लिए गरम पोशाक व रजाई के साथ ओढन भेष में भगवान के दर्शन प्रतिदिन रात 8 बजे बंसत पंचमी तक होंगे।
इस वर्ष श्रीहरि के ओढन भेष में प्रथम बार दर्शन हुए तो मंदिर परिसर श्रीहरि के जयकारों से गूंज उठा। संध्या आरती रात 7 बजे के स्थान पर अब प्रतिदिन शाम 6.30 बजे होगी। रात 8 बजे शयन आरती के बाद 8.15 पर विश्राम दर्शन के उपरान्त मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। मंगला आरती का समय 12 महीने प्रातः 4.30 बजे ही रहता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से इस अवसर पर मुख्य रूप से शैलेन्द्र अग्रवाल, कामता प्रसाद अग्रवाल, राहुल बंसल, सुनील मनचंदा, सुशील अग्रवाल, संजय अग्रवाल, संजीव बंसल, संजय कुकरेजा, राजेश उपाध्याय, ओमप्रकाश अग्रवाल, शैलेश बंसल, राजीव मल्होत्रा, शाश्वत नन्दलाल, सूरज, विकास बंसल आदि उपस्थित थे।
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