देवकी नंदन बोले- धमकियां मिल रही हैं, सनातन बोर्ड के गठन के लिए मिस्ड कॊल कर दें समर्थन
आगरा। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर का कहना है कि सनातन बोर्ड के गठन की मांग उठाने पर उन्हें धमकियां मिल रहीं हैं। ये लोग बदल नहीं सकते हैं। उन्होंने सनातनियों से मिस्ड कॉल कर सनातन बोर्ड की मांग का समर्थन करने का आव्हान किया।
कथा वाचक देवकी नंदन इन दिनों बाह क्षेत्र के चौरंगा बीहड़ में भागवत कथा कह रहे हैं। आज उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आजादी के बाद से ही देश में सनातन बोर्ड बनना चाहिए था। दुख की बात है कि आज सनातन बोर्ड की मांग करनी पड़ रही है। उन्होंने सवाल किया कि पूर्व में आखिर क्यों मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गई थीं। आज वे लोग उन लोगों को ज्ञान क्यों नहीं देते, जिन्होंने मंदिर तोड़े और उन पर मस्जिदों का निर्माण कराया।
कथावाचक देवकी नंदन ने कहा कि संभल में कोर्ट के आदेश पर जांच करने गए प्रशासन पर हर घर से पत्थर बरसाए गए। हमारे भगवान को सीड़ियों में गाढ दिया और हमारे भगवान के भोग में चर्बी को पहुंचा दिया। फिर भी हम ही चुप बैठे रहें। हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सनातन बोर्ड बनाने को देश- विदेश से लगातार समर्थन मिल रहा है। बोर्ड की लड़ाई और मथुरा तथा काशी में मंदिर बनाने बाकी हैं। उन्होंने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार की आलोचना करते हुए बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत में लाने की मांग की। साथ ही देश में छुपे बैठे बांग्लादेशियों को भारत से बाहर करने को कहा।
उन्होंने दावा किया कि मथुरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में केशवदेव जी हैं। ऐसा कोर्ट में दावा दायर किया हुआ है। संविधान हमें अधिकार देता है कि हम अपने धर्म और सम्मान को सुरक्षित रखें।
इससे पूर्व कथा के पांचवें दिन कथा व्यास देवकी नन्दन ठाकुर ने भक्तों को बताया कि यदि हम भगवान की सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करते हैं, तो भगवान स्वयं चलकर हमारे पास आते हैं। "धर्मो रक्षति रक्षित:"। यह सिद्धांत हमें सिखाता है कि यदि हम धर्म की रक्षा करते हैं, तो धर्म हमारी रक्षा करता है। धर्म के प्रति निष्ठा ही कल्याण का मार्ग है। यदि धर्म में आस्था और निष्ठा नहीं होगी, तो हमारा कल्याण संभव नहीं हो सकता।
कथा व्यास ने कहा कि सनातनी लोग, जो अपनी महान परंपराओं और देवी-देवताओं के प्रति श्रद्धा रखते हैं, आज कहीं भी जाकर माथा टेकने लगे हैं, जो हमारी संस्कृति के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि भगवान कहते है कि जिसकी अपने धर्म में सच्ची निष्ठा है। उसका कल्याण होना निश्चित है। अपने गुरु मंत्र में निष्ठा है, उसका कल्याण निश्चित है।
उन्होंने कहा कि अपने धर्म और मंत्र में निष्ठा नही है तो उसका कल्याण नहीं हो सकता। सनातनी लोग अपने वैदिक देवी देवताओं को छोड़कर कहीं भी जाकर माथा टेकते हैं। हमारे पास अपने चार वेद, छ शास्त्र, 18 पुराण, 66 नीतिया, 100 उपनिषद, रामचरित मानस, संतो के द्वारा बनाए ग्रंथ है। इतने बड़े ज्ञान खजाने के बाद भी पीर, फकीर और मजार को पूजते हो। तो ये निश्चित है तुम्हारा गुलाम होना भी जायजा था और आगे गुलाम होना भी जायज है।
कथा व्यास देवकी नंदन ने कहा कि जिस समुदाय, जाति, धर्म के लोगों को अपनी संस्कृति, शास्त्र और अपने पूर्वजों पर गर्व ना हो। ऐसे लोग गुलाम रहने के योग्य हैं। आज जो भारत में हमारे खिलाफ लड़ रहे हैं, उनके पूर्वज भी हिन्दू थे। जो बांग्लादेश में लड़ रहे हैं, उनके भी पूर्वज भी हिन्दू ही थे। लेकिन उन्होंने प्राण बचाने के चक्कर में अपना धर्म बदल लिया और अब वह चाहते है दुनिया और भारत में लोग धर्म बदल लें।
आज कथा में जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति, महाराज ददरौवा सरकार, पूर्व सांसद एवं हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय, पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर, अशोक दीक्षित, संजीव शुक्ला, संतोष कटारा सुधीर दुबे, रमाकांत उपाध्याय, सत्येंद्र बरुआ, सोनू सैंथिया आदि शामिल हुए।
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