साइबर ठगी: सिम केवाईसी के नाम पर डाक उपाधीक्षक से 10 लाख की ठगी

आगरा/मथुरा। साइबर अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं। हाल ही में कानपुर के वारा सिरोही कल्यानपुर के रहने वाले मथुरा में बड़े डाकघर के उपाधीक्षक रामबहादुर से साइबर ठगों ने सिम की केवाईसी के नाम पर 10 लाख रुपये ठग लिए।

Oct 9, 2024 - 15:12
Oct 9, 2024 - 15:14
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साइबर ठगी: सिम केवाईसी के नाम पर डाक उपाधीक्षक से 10 लाख की ठगी

रामबहादुर को 3 अक्तूबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई, जिसमें सिम की केवाईसी कराने की बात कही गई। 4 अक्तूबर को फिर से फोन आने पर उन्हें एक एप डाउनलोड कराया गया। इसके बाद फोनकर्ता ने केवाईसी चार्ज के नाम पर 10 रुपये ट्रांसफर कराए। इसी दौरान साइबर अपराधियों ने उनका मोबाइल हैक कर उनके बैंक खाते से 10 लाख रुपये निकाल लिए।

घटना के बाद रामबहादुर ने मथुरा के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। साइबर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

महिला भी बातों में फंसी ,93 हजार रुपये से ज्यादा की रकम उड़ाई

आगरा। ट्रांस यमुना निवासी भूदेवी को ठगों ने आधे घंटे तक फोन पर उलझाए रखा और उनके दो बैंक खातों से 93 हजार रुपये से ज्यादा की रकम उड़ा ली। पीड़िता ने थाना एत्मादुद्दौला में शिकायत दर्ज कराई है और अपनी जीवन भर की कमाई वापस दिलाने की मांग की है।

भूदेवी का बेटे विजय कुमार ने बताया कि उनकी मां बैंक में लॉकर खुलवाने के लिए कई दिनों से प्रयासरत थीं। मंगलवार दोपहर भूदेवी ने अपनी पोती से बैंकों में लॉकर खोलने की प्रक्रिया सर्च करने को कहा। सर्च के कुछ ही देर बाद उन्हें एक कॉल आया जिसमें खुद को एसबीआई ब्रांच मैनेजर अरुण बताने वाले व्यक्ति ने लॉकर खोलने के लिए व्हाट्सएप पर एक फॉर्म भेजने की बात कही।

फॉर्म भरने के बाद भूदेवी के खाते से 9,999 रुपये काट लिए गए। इसके बाद अरुण नामक व्यक्ति ने फिर कॉल किया और दूसरे खाते की जानकारी मांगी, जिससे 83,997 रुपये और कट गए।

घटना के बाद भूदेवी ने अपने बेटे विजय को इसकी जानकारी दी। विजय कुमार ने साइबर थाने में शिकायत की, लेकिन उन्हें वहां से तुरंत कोई मदद नहीं मिली। पुलिस ने उन्हें ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने की सलाह दी। अब पीड़ित परिवार ने थाना एत्माउद्दौला में तहरीर दी है और अपनी खोई हुई रकम वापस दिलाने की गुहार लगाई है।

1930 पर करें शिकायत

साइबर ठगी के मामलों में तत्काल 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर टीम आरोपी के बैंक खाते को फ्रीज कर सकती है, जिससे पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

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